Highlights
- वापसी की उम्मीद लगाए बैठा राजपक्षे परिवार
- नमल राजपक्षे ने बताया संकट का हल
- देश छोड़कर जाने से राजपक्षे परिवार का इनकार
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका पर लंबे समय से राज कर रहे राजपक्षे परिवार का किला आज ढहता हुआ नजर आ रहा है। इस परिवार का राजनीतिक विरोधियों, पत्रकारों और अन्य लोगों पर इतना खौफ था कि शायद ही किसी के जहन में कभी ख्याल आया हो, कि ये परिवार सत्ता से बेदखल भी हो सकता है। इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट (Crisis in Sri Lanka) से जूझ रहे श्रीलंका में अब आम जनता सत्ताधारी नेताओं को न केवल उनके घरों से खदेड़ रही है, बल्कि सत्ता से बेदखल होने को भी मजबूर कर रही है। लेकिन ऐसे संकेत मिलना भी शुरू हो गए हैं, जो बताते हैं कि सत्ता से बेदखली की जो तस्वीर दुनिया को दिख रही है, उसके पीछे एक अलग ही कहानी बुनी जा रही है।
राजपक्षे परिवार न केवल सत्ता में बने रहने का इरादा रखे हुए है बल्कि बड़ी वापसी की तैयारी भी शुरू कर चुका है। 73 साल के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपने खिलाफ महीनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद आखिरकार बुधवार को इस्तीफा देने जा रहे हैं। इस देश में आर्थिक संकट के कारण खाने और पेट्रोल समेत रोजमर्रा की जरूरत का सामान काफी महंगा हो गया है। लोग राष्ट्रपति के आवास के बाहर खड़े होकर 'गोटा गो होम' के नारे लगा रहे हैं। शनिवार को लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर ही कब्जा कर लिया, जिसके बाद हालात इतने बिगड़ गए कि राष्ट्रपति को यहां से भागना पड़ा।
आईएमएफ के आगे फैला रहा हाथ
राजपक्षे सरकार की नीतियों के कारण आज श्रीलंका को आईएमएफ और भारत के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं। उनकी चीन को लाभ पहुंचाने की मंशा ने आज श्रीलंका को वहां लाकर खड़ा कर दिया, जहां उसके सामने केवल संकट ही बचा है। बेशक देश की आम जनता राजपक्षे को सत्ता से बाहर देखना चाहती है, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों को नहीं लगता कि ऐसा होगा। गोटबाटा राजपक्षे के 36 साल के भतीजे नमल राजपक्षे अभी से राजनीति में लंबी पारी खेलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सत्ताधारी पार्टी के कोलंबो स्थित दफ्तर में इंटरव्यू देते हुए नमल ने कहा कि गोटबाया को अपना कार्यकाल पूरा कर चले जाना चाहिए।
नमल ने बताए संकट के उपाय
नमल ने वर्तमान संकट के हल के लिए अस्थायी तौर पर पीछे हटना जरूरी बताया और कहा कि इस वक्त उद्देश्य जितना हो सके, देश में उतनी स्थिरता लेकर आना है। ये वक्त दीर्घकालिक रणनीतियां बनाने का है। नमल 76 साल के महिंदा राजपक्षे के बड़े बेटे हैं, जो वर्तमान राष्ट्रपति के भाई हैं। उन्होंने हाल में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया है और अतीत में देश के राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं। इनके कार्यकाल में न केवल राजपक्षे परिवार के निजी हितों को ध्यान में रखा गया बल्कि चीन से भी भारी भरकम कर्ज लिया गया। जिसके कारण आज देश की हालत इतनी बदतर हो गई है।
फसल पैदावार पर बोले नमल
पिछले साल ही सरकार को विपक्ष ने कहा था कि वह आईएमएफ से चर्चा करे। लेकिन महिंदा या गोटबाया में से किसी ने इसपर दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब नमल खुद को उत्तराधिकारी के तौर पर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। अपने इंटरव्यू में उन्होंने एक परिपक्व नेता की भांति नरम आवाज में बात करते हुए कहा कि उनकी नीतियां उनके अंकल की तुलना में उनके पिता के जैसी अधिक होंगी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की परेशानी यही रही है कि वह खुद को एक विनिर्माण और ट्रांसपोर्टेशन हब में तब्दील करने के उद्देश्य से भटक गया था। उन्होंने एयरपोर्ट को अपग्रेड करने, टूरिस्ट को आकर्षित करने और फसल पैदावार बढ़ाने की जरूरतों पर बल दिया।
उन्होंने स्वीकार किया कि उनका परिवार लंबे वक्त से सत्ता में बना हुआ है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह उन्हें 'वंश पर आधारित' राजनीति नहीं लगती। नमल ने कहा, 'मेरे पिता ने 55 साल पहले हंबनटोटा से शुरुआत की थी, मैंने पांच साल पहले शुरुआत की, यह राजनीति में एक लंबी यात्रा है। यह एक बुरा दौर है, तो इसका सामना करें और आगे बढ़ें।' हंबनटोटा जिले में परिवार लंबे वक्त से सत्ता में है, इनके पुश्तैनी बंगले के बाहर सेना के जवान तैनात रहते हैं। परिवार के सम्मान में एक म्यूजियम तक बनाया गया है, जिसमें लोगों ने तोड़फोड़ की है। चाहे जो हो, नमन एक बात को लेकर स्पष्ट हैं, उनका श्रीलंका से भागने का कोई इरादा नहीं है। उनका कहना है, 'हम कभी भी देश छोड़कर नहीं जाएंगे। ऐसा कभी नहीं होगा। अगर लोग हमें नहीं चाहते, तो उनके पास बैलेट है, न कि बुलेट।'