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Sri Lanka China News: India के दबाव के बाद श्रीलंका ने चीन से कहा- अपना जासूसी जहाज लेकर अभी मत आना

Sri Lanka China News: श्रीलंका ने जहाज में ईंधन भरवाने के लिए इस जहाज को हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालने की इजाजत दी थी।

Edited By: Vineet Kumar
Published : Aug 06, 2022 23:22 IST, Updated : Dec 14, 2022 23:03 IST
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Image Source : TWITTER.COM/YRANARAJA. Yuan Wang 5.

Highlights

  • 12 जुलाई को आई थी श्रीलंका सरकार की पहली चिट्ठी।
  • भारत की आपत्ति के बाद हरकत में आई श्रीलंका सरकार।
  • श्रीलंका ने चीन को जहाज लाने से फिलहाल मना किया।

Sri Lanka China News: भारत के दबाव के बीच श्रीलंका ने चीन से साफ कह दिया है कि वह दक्षिणी हंबनटोटा में स्थित बंदरगाह पर अपने जहाज ‘Yuan Wang 5’ को लेकर न आए। बता दें कि यह बंदरगाह अभी चीन के नियंत्रण में है। कोलंबो में चीनी दूतावास को लिखी एक चिट्ठी में श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम आपसे अनुरोध करना चाहते हैं कि हंबनटोटा में जहाज युआन वांग 5 के आगमन की तारीख को इस मामले पर आगे की अडवाइजरी तक के लिए स्थगित कर दिया जाए।’

भारत ने जताई थी घोर आपत्ति

बता दें कि इससे पहले श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसमें 12 जुलाई को चीनी जहाज के हंबनटोटा बंदरगाह में घुसने की इजाजत देने का जिक्र किया गया था। श्रीलंका ने जहाज में ईंधन भरवाने के लिए इस जहाज को हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालने की इजाजत दी थी। श्रीलंका द्वारा इजाजत देने के तुरंत बाद भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी। भारत की आपत्ति के बाद श्रीलंका सरकार ने चीन से कहा कि वह अगली बातचीत तक अपने स्पेस सैटेलाइट ट्रैकर पोत Yuan Wang 5 का हंबनटोटा बंदरगाह का दौरा स्थगित कर दें।

भारत ने जाहिर कर दी थी चिंता
कहा जा रहा था कि Yuan Wang 5 जहाज ईंधन भरवाने और खाने-पीने का सामान लेने के बाद हंबनटोटा बंदरगाह से रवाना हो जाएगा। चीन के इस ‘जासूसी’ जहाज के दौरे से हफ्तों पहले भारत ने श्रीलंका सरकार को अपनी चिंता के बारे में बता दिया था। बता दें कि 1987 में साइन किए गए एक द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक, भारत के हितों के प्रतिकूल किसी भी देश द्वारा किसी भी श्रीलंकाई बंदरगाह को सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। 

श्रीलंका की तरफ से आया था ये बयान
भारत की चिंता के जवाब में श्रीलंका ने पहले कहा था कि चीन का यह जहाज सिर्फ ईंधन भरवाने और थोड़ी बहुत अन्य सुविधाएं लेने के लिए ही आ रहा है। कैबिनेट प्रवक्ता और मीडिया मंत्री बंडुला गुणवरंडेना ने कहा था कि जहाज के चालक दल के सदस्य श्रीलंका में किसी भी आंतरिक मामले में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा था कि चीन और भारत ने हमेशा श्रीलंका की सच्चे दोस्त के रूप में मदद की है और श्रीलंका सदियों से दोनों देशों के बीच विश्वास को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी नहीं करेगा।

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