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श्रीलंका ने फिर दिया धोखा, भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी करने कोलंबो पोर्ट पहुंचा चीन का जासूसी युद्धपोत

चीन अपनी चालबाज हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इस बार चीन का जासूसी युद्धपोत भारती रक्षा संस्थानों की जासूसी करने के इरादे से श्रीलंका के कोलंबो एयरपोर्ट पहुंचा है। भारत की चिंताओं के बावजूद श्रीलंका ने चीन के जहाज को अनुमति दी। जाहिर है कि श्रीलंका चीन के कर्जे तले दब चुका है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 11, 2023 18:29 IST, Updated : Aug 11, 2023 18:29 IST
चीन का युद्धपोत (प्रतीकात्मक)
Image Source : FILE चीन का युद्धपोत (प्रतीकात्मक)

चीन की दूसरे के घर ताक-झांक करने की बुरी आदत पड़ गई है। चीन अपने जासूसी उपकरों से दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका से लेकर अन्य सभी देशों की जासूसी करता आ रहा है। अभी कुछ महीने पहले ही अमेरिका ने चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था। इसके बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। चालबाज चीन भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की भी जासूसी करना चाहता है। इसलिए उसने दूसरी बार श्रीलंका को मोहरा बनाया है। चीन का जासूसी युद्धपोत श्रीलंका के कोलंबो एयरपोर्ट पहुंच गया है। इससे भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।

चीन की नौसेना का, निगरानी करने में सक्षम एक युद्धपोत कोलंबो बंदरगाह पहुंचा है। लगभग एक साल पहले चीन का एक अन्य जासूसी जहाज जब श्रीलंका के एक रणनीतिक बंदरगाह आया था। तब भारत की ओर से चिंता जतायी गई थी। श्रीलंकाई नौसेना ने कहा है कि चीन की सेना ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का नौसैनिक युद्धपोत हाइ यांग 24 हाओ बृहस्पतिवार को कोलंबो बंदरगाह पहुंचा। जहाज की वापसी शनिवार को होनी है। उसने कहा, ‘‘कोलंबो पहुंचे 129 मीटर लंबे जहाज पर 138 लोगों का दल सवार है और इसकी कमान कमांडर जिन शिन के पास है। जहाज कल देश से प्रस्थान करने वाला है।

श्रीलंका ने चीनी जहाज को देर से दी अनुमति

आर्थिक रूप से तबाह हो चुका श्रीलंका अब उसी भारत को धोखा दे रहा है, जिसने उसे बदहाल परिस्थितियों से उबारने के लिए अरबों डॉलर की मदद की है।’’ शुक्रवार को मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, भारत द्वारा चिंता जताए जाने के बाद श्रीलंका ने चीनी युद्धपोत का आगमन विलंबित कर दिया। ‘डेली मिरर’ अखबार की खबर के अनुसार, ‘‘चीनी अधिकारियों ने इसके लिए पहले ही अनुमति मांगी थी, लेकिन भारत के प्रतिरोध के कारण श्रीलंका ने अनुमति देने में देरी की। मगर बाद में अनुमति दे दी। ऐसे में दिखावा करने के लिए चीनी जहाज को कुछ देर के लिए रोकने मात्र से भारत की चिंताएं दूर नहीं हो सकती। 

भारत ने श्रीलंका के बदलाव पर जाहिर की चिंता

श्रीलंका ने भले ही भारतीय अधिकारियों को जानकारी दी हो, लेकिन भारत अनुसंधान चीनी जहाज की श्रीलंका यात्रा को लेकर चिंतित रहा है। क्योंकि इससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है। अभी पिछले साल अगस्त में, चीन के बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज, 'युआन वांग 5' की इसी तरह की यात्रा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी। उक्त जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा था। भारत को आशंका थी कि श्रीलंकाई बंदरगाह जाने के रास्ते में जहाज की प्रणाली से भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी करने का प्रयास किया जा सकता है। हालांकि, श्रीलंका ने काफी विलंब के बाद, जहाज को एक चीनी कंपनी द्वारा बनाए जा रहे हंबनटोटा बंदरगाह आने की अनुमति दी थी।  (भाषा)

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