सियोल: उत्तर कोरिया की तरफ दक्षिण कोरिया को परेशान करने की हरकतें लगातार की जाती रही है। फिर चाहे वो कचरे से भरे गुब्बारे गिराने की घटना हो या फिर उत्तर कोरियाई सैनिकों की ओर से बॉर्डर पार कर दक्षिण कोरिया की सीमा में दाखिल होना हो। कुल मिलाकर उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव लगातार बना रहता है। ऐसे में अब उत्तर कोरिया की ओर से संभावित खतरों से निपटने के लिए दक्षिण कोरिया की तरफ से भी कदम उठाए जा रहे हैं।
शुरू होगा अमेरिका और दक्षिण कोरिया का संयुक्त सैन्य अभ्यास
इसी क्रम में दक्षिण कोरिया और अमेरिका, उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु खतरों से निपटने की संयुक्त क्षमताओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले सप्ताह अपना वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करेंगे। दोनों देशों की ओर से इसे लेकर जानकारी दी गई है। दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इस साल 19 से 29 अगस्त तक होने वाले ‘उल्ची फ्रीडम शील्ड’ अभ्यास में मिसाइलों, जीपीएस जैमिंग और साइबर हमलों जैसे खतरों के खिलाफ तैयारी मजबूत करने के लिए किए जाने वाले अभ्यास शामिल होंगे। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि सहयोगी देशों का उद्देश्य खासतौर से ‘‘सामूहिक विनाश के हथियारों के निर्माण को रोकना और उनके खतरे से निपटने की अपनी क्षमता को और मजबूत करना है।’’ इस अभ्यास पर उत्तर कोरिया की ओर से आक्रामक प्रतिक्रिया आ सकती है, जो इन्हें आक्रमण की तैयारी के तौर पर देखता है।
बढ़ा है अमेरिका और दक्षिण कोरिया का गठजोड़
यहां यह भी बता दें कि, इससे पहले अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त परमाणु प्रतिरोध दिशानिर्देश पर हस्ताक्षर किए थे। उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते परमाणु खतरे की आशंका के मद्देनजर प्रतिरोध को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इसे अहम और बुनियादी कदम बताया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने इसे ‘जबरदस्त प्रगति’ करार दिया था। यहां यह जानना भी जरूरी है कि दक्षिण कोरिया के पास कोई परमाणु हथियार नहीं है। (एपी)
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