Tuesday, November 05, 2024
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कराची बंदरगाह पर हुआ कुछ ऐसा कि...अमेरिका और सऊदी अरब की मदद के बावजूद भूखों मरेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान में फैला भुखमरी का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान को भीख के कटोरे में अमेरिका और सऊदी अरब ने कुछ मदद की तो लगा कि शायद भूख से तड़पते लोगों को कुछ सुकून मिल जाए, लेकिन किस्मत ने फिर दगा दे दिया है। लिहाजा अब सऊदी अरब और पाकिस्तान की मदद के बावजूद पाकिस्तान के भूखों मरने की मजबूरी गले पड़ गई है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 16, 2023 7:40 IST
कराची बंदरगाह पर रोके गए खाद्य और अन्य वस्तुओं से भरे कंटेनर- India TV Hindi
Image Source : FILE कराची बंदरगाह पर रोके गए खाद्य और अन्य वस्तुओं से भरे कंटेनर

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में फैला भुखमरी का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान को भीख के कटोरे में अमेरिका और सऊदी अरब ने कुछ मदद की तो लगा कि शायद भूख से तड़पते लोगों को कुछ सुकून मिल जाए, लेकिन किस्मत ने फिर दगा दे दिया है। लिहाजा अब सऊदी अरब और पाकिस्तान की मदद के बावजूद पाकिस्तान के भूखों मरने की मजबूरी गले पड़ गई है। दरअसल पाकिस्तानी बैंकों ने आयातकों को क्रेडिट लेटर जारी करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में कराची बंदरगाह पर शिपिंग कंटेनर भुगतान गारंटी के इंतजार में अटके हुए हैं। इनमें आटा, दाल, चावल, दवाएं इत्यादि रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुएं है, जिसके लिए पाकिस्तानियों को बेसब्री से इंतजार है।

पाकिस्तान में आटे और दाल, चावल के लिए हफ्तों से मारामारी चल रही है। 200 रुपये प्रतिकिलो आटे का दाम पहुंच जाने के बाद भी वह आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सब्सिडी वाले आटे के लिए भी पाकिस्तान में लंबी कतार है। लोग आटे की बोरियों को छीनते और एक दूसरे से लड़ते व मारपीट करते रोजाना देखे जा रहे हैं। पाकिस्तानी बैंकों ने आयातकों के लिए नए साख पत्र जारी करने से इनकार कर दिया है। दरअसल पाकिस्तान के भारी राष्ट्रीय कर्ज ने उसके लोगों के लिए इसे 'बेहद मुश्किल' बना दिया है क्योंकि वे आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कराची बंदरगाह पर भुगतान के इंतजार में रोके गए कंटेनर

आवश्यक खाद्य पदार्थों, कच्चे माल और चिकित्सा उपकरणों से भरे हजारों कंटेनरों को पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर रोक दिया गया है। पाकिस्तान एक हताश विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है। महत्वपूर्ण डॉलर की कमी ने बैंकों को आयातकों के लिए नए साख पत्र जारी करने से मना करने को बाध्य किया है। अर्थव्यवस्था पहले से ही बढ़ती मुद्रास्फीति और कमजोर विकास से प्रभावित हो रही है।

40 साल में सबसे बुरे दौर में पाकिस्तान
ऑल पाकिस्तान कस्टम्स एजेंट्स एसोसिएशन के एक अधिकारी अब्दुल मजीद ने कहा, "मैं पिछले 40 सालों से कारोबार में हूं और मैंने इससे बुरा समय नहीं देखा है।" वह कराची बंदरगाह के पास एक कार्यालय से बोल रहे थे, जहां शिपिंग कंटेनर भुगतान गारंटी के इंतजार में फंसे हुए हैं। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट के अनुसार पाकिस्तान के विनिर्माण उद्योगों के लिए विदेशों से आए कंटेनर दाल, फार्मास्यूटिकल्स, डायग्नोस्टिक उपकरण और रसायनों से भरे हुए हैं। सीमा शुल्क संघ के अध्यक्ष मकबूल अहमद मलिक ने कहा, "डॉलर की कमी के कारण हमारे हजारों कंटेनर बंदरगाह पर फंसे हुए हैं।" इस सप्ताह स्टेट बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर US$6 बिलियन से भी कम हो गया। यह लगभग 9 वर्षों में सबसे कम है।

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को सांसे लेने के फिर आइएमएफ से मांगी भीख
प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने इस सप्ताह फिर आइएमएफ से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को कुछ सांस लेने की जगह दे। ताकि पाकिस्तान इस "दुःस्वप्न" की स्थिति से निपट सके। कराची में चार बच्चों के पिता और दिहाड़ी मजदूर जुबैर गुल (40 वर्ष) ने कहा कि उनकी कमाई पर गुजारा करना "बेहद मुश्किल" हो गया है। "मुझे सब्सिडी वाला आटा खरीदने के लिए दो या तीन घंटे तक कतार में लगना पड़ता है - नियमित कीमतें सस्ती नहीं हैं। एक कार्यालय में नौकरी करने वाले शाह मीर कहा कि रिश्तेदारों से उधार और क्रेडिट कार्ड के उपयोग से जिंदगी चल रही है। एक आम आदमी दूध, चीनी, दाल, आटा या आवश्यकता की दूसरी वस्तुएं नहीं खरीद सकता है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान द्वारा बकाया यूएस $ 2 बिलियन को रोल करने और देश को यूएस $ 1 बिलियन का अतिरिक्त ऋण प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे उसे तत्काल डिफ़ॉल्ट से बचने में मदद मिलेगी।

वहीं अमेरिका ने भी पाकिस्तान को 100 मिलियन की अतिरिक्त मदद दी है। अनाज और दालों के एक आयातक अब्दुल रऊफ ने कहा कि उनके पास सिर्फ 25 दिनों का स्टॉक बचा है और डॉलर जारी किए बिना मार्च में शुरू होने वाले रमजान के पवित्र महीने के दौरान "भारी कमी" होगी। उन्होंने कहा "मैंने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है जहाँ लोग इतने चिंतित हों।

 

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