Highlights
- रावलपिंडी के मरी शहर में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे थे और इस बीच भीषण बर्फबारी हो गई
- भीषण बर्फबारी से गाड़ियां फंस गईं और प्रशासन बेबस हो गया
- इस घटना में 10 बच्चों समेत 23 लोगों की मौत हो गई
लाहौर: पाकिस्तान के प्रसिद्ध पहाड़ी पर्यटन स्थल मरी में भीषण बर्फबारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 23 पहुंच गई। एक बच्ची की गंभीर जुकाम और निमोनिया की वजह से मौत हो गई। उसे वक्त पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। पंजाब प्रांत के रावलपिंडी के मरी शहर में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे थे और इस बीच भीषण बर्फबारी हो गई जिससे गाड़ियां फंस गईं और प्रशासन बेबस हो गया। इस घटना में 10 बच्चों समेत 23 लोगों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि चार वर्षीय बच्ची की मौत झीका गली में हुई। उसे गंभीर ज़ुकाम और निमोनिया हो गया था। उन्होंने बताया कि उसे वक्त पर अस्पताल नहीं पहुंचा जा सका जिससे उसकी मौत हो गई।
बचाव अधिकारियों ने जियो न्यूज को बताया कि अब तक कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई है वहीं गाड़ियां कई फुट जमी बर्फ में फंसी हुई हैं। गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने एक बयान में मृतकों की संख्या की पुष्टि की। मंत्री ने कहा कि हालात को सिर्फ "प्राकृतिक आपदा" कहा जा सकता है और इस क्षेत्र में "अत्यधिक बर्फबारी" हुई है। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण कारें मरी नहीं जा सकीं तो लोगों ने पैदल ही चलना शुरू कर दिया और वे बर्फ के कारण चल नहीं सकें। मंत्री के मुताबिक मौतों का कारण ‘दम घुटना’ है।
राजनीतिक संचार पर प्रधानमंत्री के सहयोगी शाहबाज गिल ने कहा कि जब भारी बर्फबारी होने लगी तो लोगों ने अपनी कारों को सड़कों पर ही छोड़ दिया और होटलों में शरण लेने के लिए चल दिए जिससे यातायात जाम हो गया। उन्होंने कहा, “प्रशासन गाड़ियों को सड़कों से हटाने की कोशिश कर रहा है ताकि रास्ता साफ किया जा सके।” संघीय सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि अप्रत्याशित बर्फबारी और रिकॉर्ड संख्या में सैलानियों के पहुंचने से स्थानीय प्रशासन के लिए स्थिति को संभालना नामुमकिन हो गया। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया चल रही है और पूरे देश ने बेशकीमती इंसानी जान के नुकसान पर दुख जताया है।
पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि आपदा प्रभावित मरी में पिछले 24 घंटों में 500 से ज्यादा परिवारों को बचाया गया और सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, “रात होने से पहले सभी सैलानियों को बचा लिया गया और सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया।” ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खबर दी है कि पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बुज़दार रविवार को बर्फबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। बुज़दर ने कहा, “मरी में हुई दुखद घटना से हर पाकिस्तानी दुखी है। पंजाब सरकार की मृतकों के परिवारों के साथ पूरी सहानुभूति है।”
मौसम विभाग ने पांच जनवरी को अलर्ट जारी किया था कि भारी बर्फबारी के कारण छह से नौ जनवरी की दोपहर तक मरी, गलियत, नथियागली, कगन, नारन और अन्य इलाकों में सड़कें बंद हो सकती है। ‘डॉन ’ अखबार के मुताबिक, इसके बावजूद संबंधित विभागों ने कोई कदम नहीं उठाए। मरी में पांच जनवरी (बुधवार) को 6.5 इंच बर्फबारी हुई। इसके बाद अगले दिन 8.5 इंच जबकि सात जनवरी (शुक्रवार) की सुबह से शनिवार सुबह तक 16.
5 इंच बर्फबारी हुई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मरी में सामान्य तौर पर इतनी बर्फबारी होती है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि मरी जाने वाले रास्ते पर पर्यटकों की मौत की घटना से वह स्तब्ध और दुखी हैं। खान ने ट्वीट किया, ‘‘जबरदस्त बर्फबारी और मौसम की स्थिति जाने बिना भारी संख्या में पर्यटकों के आने से जिला प्रशासन तैयारी नहीं कर सका। जांच के आदेश दिए गए हैं और इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो, इसके लिए कड़े नियम बनाये जा रहे हैं।”
पंजाब सरकार ने भारी हिमपात के बाद शनिवार को मरी को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया। विपक्षी राजनीतिक नेताओं ने सैलानियों की आमद से निपटने और अपर्याप्त तैयारी को लेकर सरकार की आलोचना की है। कौमी (राष्ट्रीय) असेंबली में विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि वह मरी में हुई त्रासदी से दुखी हैं और उन्होंने सवाल किया कि मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है? पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी और पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही की वजह से बर्फबारी में ये मौतें हुई हैं।
(इनपुट- एजेंसी)