लाहौर: जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के विरोध प्रदर्शन से शहबाज शरीफ सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इमरान की पार्टी यह प्रदर्शन ऐसे वक्त में कर रही है, जब 15 अक्टूबर से इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन होने जा रहा है। लिहाजा आज लाहौर में विरोध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान पुलिस ने पीटीआई के 30 से अधिक समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें वकील भी शामिल हैं। वे लोग शनिवार देर रात अपने नेता की रिहाई की मांग को लेकर ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान परिसर में घुस गये थे।
लाहौर पुलिस ने बताया कि उसने खान सहित पीटीआई के 200 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। पीटीआई के विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए शनिवार को लाहौर के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों कंटेनर रखे गए, जिनमें सभी प्रवेश और निकास बिंदु शामिल थे। पुलिस ने सत्तारूढ़ शहबाज शरीफ के लाहौर स्थित निवास की ओर जाने वाली सभी सड़कों को भी बंद कर दिया था। सरकार ने लाहौर में रेंजर्स को भी तैनात किया है। आयोजन स्थल ‘मीनार-ए-पाकिस्तान’ के आसपास कर्फ्यू जैसी स्थिति देखी गई, जहां आम जनता का प्रवेश अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
इमरान खान की रिहाई को लेकर हो रहा प्रदर्शन
हालांकि, शनिवार देर रात पीटीआई के कई कार्यकर्ता और वकील प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने में कामयाब रहे और अपने जेल में बंद नेता के पक्ष में नारे लगाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, “पुलिस ने 30 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और इमरान खान सहित 200 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ आतंकवाद एवं अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है।” पंजाब के पूर्व मंत्री मुसरत चीमा और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता मलिक अहमद बछार भी मीनार-ए-पाकिस्तान के पास पहुंचे। हिरासत में लिये गए दोनों नेताओं ने कहा कि पीटीआई कार्यकर्ता खान का जन्मदिन मनाने और ऐतिहासिक स्थल पर “हकीकी आजादी” (वास्तविक स्वतंत्रता) प्रस्ताव पारित करने के लिए एकत्र हुए थे, जहां 1940 में पाकिस्तान प्रस्ताव अपनाया गया था। (भाषा)