याकुत्स्क: रूस के साइबेरिया में इस समय ऐसी भीषण ठंड पड़ रही है कि लोग जमे जा रहे हैं। आर्कटिक मौसम ने मंगलवार को रूस के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया और साइबेरिया के जंगलों में तापमान शून्य से -58 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ड्रोन फुटेज से पता चला कि दुनिया के सबसे ठंडे शहरों में से एक याकुत्स्क बर्फीले बादलों और कोहरे से ढक गया था। बता दें कि यह शहर राजधानी मॉस्को से लगभग 5,000 किमी पूर्व में स्थित है।
‘मैं तो अपने आपको लकी मान रहा हूं’
याकुत्स्क पहुंची डेनिला नाम के एक शख्स ने कहा, ‘मैं विशेष रूप से ऐसे मौसम का अनुभव करने के लिए यहां याकुत्स्क आया था। इसलिए मैं अपने आपको काफी लकी मान रहा हूं क्योंकि दिसंबर में आपको आमतौर पर ऐसा नहीं मिलता है।’ डेनिला जब ये बातें कह रहे थे तब उनकी दाढ़ी, टोपी और मफलर बर्फ में सने हुए थे। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा ठंडी नहीं लग रही है क्योंकि वह काफी तैयारी से आए हैं।
‘...तो वाकई में मैं जम चुका होता’
डेनिला ने कहा, ‘अगर मुझे सही कपड़े नहीं मिले होते तो यकीनन में कुछ ही मिनट के अंदर जम चुका होता।’ उन्होंने कहा कि काफी ज्यादा तापमान होने के कारण उनका कोट काफी सख्त हो गया था। डेनिला ने कहा, ‘मेरा फोन कुछ ही मिनट के अंदर डिस्चार्ज हो गया। यहां पर आने के लिए कम से कम 2 जोड़ी दस्ताने बेहद जरूरी हैं और कपड़ों की तो पूरी एक परतन होनी चाहिए।’
सखा में -55 डिग्री हुआ तापमान
सखा रिपब्लिक, जिसका क्षेत्रफल भारत से थोड़ा ही कम है, में तापमान रात भर में -55 डिग्री तक पहुंच गया। यह इलाका साइबेरिया के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। सखा की एक बस्ती ओम्याकोन में मंगलवार को तापमान -58 डिग्री था। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि नमी और हवा को देखते हुए तापमान शून्य से 63 डिग्री सेल्सियस नीचे तक जाएगा।
खुले में ही डीप फ्रोजन हो गईं मछलियां
याकुत्स्क के बाजार में जहां मछलियां ‘डीप फ्रोज़न’ करके बेची जाती थीं, अब वहां किसी फ्रीजर की जरूरत नहीं थी। मछलियों को बेच रही सेल्सवुमेन ने बड़ी फर वाली टोपियां पहने हुए थीं। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि अगर आपके पास सही कपड़े हैं तो कोई खास दिक्कत नहीं होती। उन्होंने कहा कि बस ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखने के लिए एक्टिव रहना जरूरी है। (रॉयटर्स)