Highlights
- वीबो पर चीन के लोग जश्न मनाने की बात कहते देखे गए।
- चीन की सरकार ने कहा कि आबे की मौत से वह सदमे में है।
- आबे ताइवान का समर्थन करते थे और यह चीनियों को पसंद नहीं था।
Shinzo Abe Death: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। दुनिया के अधिकांश देशों में जापानी नेता की हत्या की खबर से शोक की लहर दौड़ गई, वहीं चीनी सोशल मीडिया वेबसाइट ‘वीबो’ पर जश्न का माहौल देखने को मिला। वीबो पर लोग ‘शैंपेन सेलिब्रेशन’ तक की बातें कहते देखे गए। हालांकि चीन की सरकार ने इस घटना पर दुख जताया और कहा कि आबे के निधन से चीन सदमे में है क्योंकि उन्होंने चीन-जापान संबंधों को सुधारने में अहम योगदान दिया था।
आबे की हत्या से स्तब्ध है पूरी दुनिया
जापान के पश्चिमी क्षेत्र नारा में 67 साल के आबे को एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान गोली मारी गई और उन्हें प्लेन से एक अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने घटनास्थल पर एक संदिग्ध तेत्सुया यामागामी को गिरफ्तार किया है। आबे 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस्तीफा देने से पहले, देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे थे। दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में इस घटना ने न केवल जापान बल्कि दुनियाभर के लोगों को सकते में डाल दिया है।
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‘आबे के निधन से चीन सदमे में है’
चीन में सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने ‘शैम्पेन सेलिब्रेशंस’ का आह्वान किया। जापान के ‘क्योडो न्यूज’ ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन के हवाले से अपनी खबर में कहा कि आबे के निधन से ‘चीन सदमे में है।’ लिजियान ने कहा कि आबे ने ‘चीन-जापान संबंधों के सुधार और विकास को बढ़ावा देने में अहम योगदान दिया।’ हालांकि चीन की आम जनता का कुछ और ही रुख देखने को मिला। चीन में ट्विटर की तरह माने जाने वाले ‘वीबो’ पर आबे की मौत को लेकर प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं के बारे में पूछे गये सवालों का झाओ ने कोई जवाब नहीं दिया।
चीनियों की कड़वाहट इसलिए दिखी
दरअसल, चीन और ताइवान के बीच दशकों पुराना विवाद चल रहा है। एक तरफ ताइवान जहां खुद को एक संप्रभु देश कहता है वहीं दूसरी तरफ चीन का कहना है कि ताइवान उसका हिस्सा है। शिंजो आबे ने ताइवान का कई मौकों पर साथ दिया था। ‘वीबो’ पर लोगों ने आबे के ताइवान का पक्ष लेने के अलावा चीन के प्रति उनकी कड़ी नीतियों को लेकर तीखी टिप्पणी की है। लिजियान ने इस पर बयान देते हुए कहा, ‘मैं इंटरनेट यूजर्स के बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।’
ताइवान ने आबे को बताया ‘घनिष्ठ मित्र’
लिजियान ने कहा कि चीन ने आबे के परिवार के साथ सहानुभूति व्यक्त की और कहा कि इस अप्रत्याशित घटना को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने आबे को ‘न केवल अपना एक अच्छा दोस्त, बल्कि ताइवान का एक घनिष्ठ मित्र’ बताया। वेन ने फेसबुक पर कहा, ‘उन्होंने कई सालों तक ताइवान का समर्थन किया और ताइवान-जापान संबंधों की प्रगति को बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी।’ आबे जापान के सबसे प्रभावशाली नेता थे और वह देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे थे।