Highlights
- पांच सितंबर को भारत आ रहीं शेख हसीना
- 2023 में चुनाव से पहले कर रहीं भारत का दौरा
- श्रीलंका जैसे हो रहे हैं बांग्लादेश के हालात
Sheikh Hasina In India: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पांच सितंबर से तीन दिवसीय भारत दौरा करने की संभावना है और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बातचीत के केंद्र में क्षेत्रीय स्थिरता और रक्षा सहयोग का मुद्दा प्रमुख रहेगा। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस दौरे की जानकारी रखने वाले विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने उनका (हसीना का) कार्यक्रम लगभग तय कर लिया है और उनके तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर पांच सितंबर को दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। वर्ष 2019 के बाद यह हसीना का पहला भारत दौरा है।’
नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि श्रीलंका के आर्थिक हालात और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता के दौरान लंबित और नियमित द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा दक्षिण एशिया में रक्षा सहयोग और स्थिरता के मुद्दे पर सबसे अधिक जोर रहेगा। वैश्विक आर्थिक संकट के कारण अपनी अर्थव्यवस्था पर मंडराते खतरे के मद्देनजर ढाका ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने के लिहाज से कर्ज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का दरवाजा खटखटाया है। इसके पहले अधिकारियों ने कहा था कि बांग्लादेश चाहता है कि भारत-बांग्लादेश व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए बातचीत की पहल शुरू हो।
भारत की तरफ से मिल सकते हैं हथियार
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पिछले महीने उस समय बातचीत का केंद्र बना जब भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने इस अटकल के बीच बांग्लादेश का दौरा किया कि बांग्लादेश के सैन्य बलों को और अधिक भारतीय हथियार मिल सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि साझा तीस्ता जल समेत सीमापार बहने वाली अन्य नदी धाराओं के अनसुलझे मामलों के साथ-साथ भारतीय क्षेत्र के रास्ते नेपाल और भूटान से मोटर चालित वाहनों की आवाजाही को वार्ता के दौरान पेश करने की योजना बनाई गई है।
पुराने मार्गों के पुनरुद्धार की इच्छा
उन्होंने कहा कि ढाका रेल संपर्क बढ़ाने और दोनों देशों के बीच तीन और ट्रेन सेवाओं को बहाल करने के लिए भी उत्सुक है। इसके अलावा बांग्लादेश वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध तक इस्तेमाल किए गए पुराने मार्गों के पुनरुद्धार का इच्छुक है। अधिकारी ने कहा कि दूसरी ओर भारत भी स्पष्ट रूप से संपर्क मुद्दे और खासकर पारगमन मुद्दे पर चर्चा करने के लिए इच्छुक है, ताकि हाल ही में बनाए गए पद्मा सेतु से लाभ उठाया जा सके। यह सेतु मोंगला बंदरगाह सहित दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश को देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ भारत से जोड़ता है।
चुनावों में जीत भी दिला सकता है ये दौरा
विदेशी संबंध विशेषज्ञों ने कहा कि वर्ष 2023 में बांग्लादेश के आम चुनावों से पहले हसीना की भारत यात्रा महत्वपूर्ण प्रतीत होती है। भारत के साथ मुद्दे कुछ हद तक चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं और पड़ोसी के साथ लंबित मामलों के समाधान से चुनावों में हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग को फायदा हो सकता है।