बांग्लादेश इस वक्त अशांति के दौर से गुजर रहा है। आरक्षण को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद बड़ा राजनीतिक उथल-पुथल हो गया है। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद अपना मुल्क छोड़ दिया है। बांग्लादेश में इस साल हुए चुनाव में जीत हासिल कर शेख हसीना पांचवीं बार प्रधानमंत्री की कमान संभाल रही थीं। हालांकि, चुनाव जीतने के बाद से ही वो लगातार मुश्किलों में घिरी रहीं। पहले चुनाव में धांधली का आरोप लगा। इसके बाद आरक्षण को लेकर महीने भर छात्र सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते रहे और आखिरकार शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों के सामने खुद को सरेंडर करते हुए शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया। हालात इस कदर बिगड़े कि उन्हें मुल्क छोड़कर भागना पड़ा। बांग्लादेश की सत्ता में शेख हसीना 15 सालों से काबिज थीं। शेख हसीना सोमवार शाम भारत पहुंचीं।
हसीना ने हत्या का किया था दावा
शेख हसीना ने जिन हालातों में अपना मुल्क छोड़ा उसके लिए 'विदेशी दखल' का भी दावा किया जा रहा है। ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि दो महीने पहले मई में शेख हसीना ने दावा किया था कि उनके ऊपर विदेश से दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने खुलकर कहा था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए "साजिशें" रची जा रही थीं और उनके पिता और स्वतंत्रता नायक शेख मुजीबुर्रहमान की तरह ही उनकी भी हत्या की जा सकती है।
एयरबेस बनाने की इजाजत?
शेख हसीना ने दावा किया था कि एक देश ने उन्हें प्रस्ताव दिया था कि अगर वह बांग्लादेश के इलाके में एयरबेस बनाने की इजाजत देती हैं, तो उन्हें बिना किसी परेशानी के दोबारा चुनाव जीतने दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन ये कहा था कि उन्हें ये ऑफर एक "व्हाइट मैन" से आया था। शेख हसीना ने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को काटकर ईस्ट तिमोर जैसा एक ईसाई देश बनाने की साजिश चल रही है।
कौन था वो "व्हाइट मैन"?
उन्होंने उस वक्त कहा था कि उनकी सरकार हमेशा संकट में रहेगी, लेकिन इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। जब उनसे "व्हाइट मैन" के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि मैंने उनसे साफ कह दिया है कि मैं राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हूं। हमने अपना मुक्ति संग्राम जीता है। मैं देश का कोई हिस्सा किराए पर देकर या किसी दूसरे देश को सौंपकर सत्ता में नहीं आना चाहती। उन्होंने कहा था कि वो ईस्ट तिमोर की तरह बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को बंगाल की खाड़ी में बेस के साथ लेकर एक ईसाई देश बनाएंगे।
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