Highlights
- शहबाज शरीफ ने ट्विट कर पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
- नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के हालात पर जताया था दुख
- पाकिस्तान में भयंकर बाढ़ आई है, अब तक 1100 लोगों की मौत हुई
Shehbaz Thanks To Modi: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विनाशकारी बाढ़ से हुए भारी नुकसान पर चिंता जताने के लिए बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ से पूरे पाकिस्तान में व्यापक तबाही हुई है और 1,100 से अधिक लोग मारे गए हैं तथा 3.3 करोड़ लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
शरीफ ने ट्वीट किया, ‘‘मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ के कारण हुए मानवीय और भौतिक नुकसान पर शोक जताने के लिए धन्यवाद देता हूं। अपने विशिष्ट गुणों के साथ पाकिस्तान के लोग, इंशाअल्लाह, इस प्राकृतिक आपदा के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करेंगे और अपने जीवन तथा समुदायों का पुनर्निर्माण करेंगे।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा था कि वह पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुखी हैं। उन्होंने पड़ोसी देश में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद जताई थी। मोदी ने ट्वीट किया था, ''पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुख हुआ। हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद करते हैं।''
बाढ़ के कहर से जूझ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान में पिछले कई दिनों से बाढ़ का कहर लगातार जारी है। बड़ी संख्या में न सिर्फ लोगों की जानें गई हैं, बल्कि लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और खरबों रुपए का नुकसान हुआ है। तमाम दुश्वारियों से जूझ रहा पाकिस्तान दुनिया के तमाम देशों से मदद के लिए अपील कर रहा है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में आने वाले 4 से 12 हफ्तों में बच्चों सहित करीब 50 लाख लोग जल और वेक्टर जनित बीमारियों जैसे टाइफाइड और दस्त से बीमार पड़ सकते हैं।
बाढ़ से अब तक 1100 लोगों की मौत हुई
मॉनसूनी बारिश ने पूरे पाकिस्तान में भीषण तबाही मचाई है जिससे अब तक करीब 1,100 लोगों की मौत हुई और खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। वहीं, जो इस प्राकृतिक प्रकोप से बच गए हैं, वे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि स्थिति गंभीर है, सिंध, बलूचिस्तान, दक्षिणी पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों के दस्त, हैजा, आंत या पेट में जलन, टाइफाइड और वेक्टर जनित बीमारियां जैसे डेंगू और मलेरिया की चपेट में आने का खतरा है।