Highlights
- एससीओ विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्रीय सहयोग संगठन बन चुका है
- एससीओ का पैमाना निरंतर बढ़ता रहा है
- वैश्विक सुरक्षा पहल का विषय शामिल किया गया है
SCO Summit 2022: हाल में 2022 शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान के समरकंद में संपन्न हुआ। 21 वर्षों के विकास के बाद एससीओ विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्रीय सहयोग संगठन बन चुका है। इस साल एससीओ ने कई देशों को सदस्य देशों और संवाद साझेदारी देशों में शामिल किया। एससीओ का पैमाना निरंतर बढ़ता रहा है। इसके पीछे क्या कारण है? चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपने भाषण में एससीओ की सफलता के पांच अनुभव पेश किये।
यानी राजनीतिक आपसी विश्वास, आपसी लाभ वाले सहयोग, समान व्यवहार करने, खुलेपन और समावेशिता और न्यायता और निष्पक्ष पर कायम रखने से एससीओ की सफलता को सुनिश्चित किया गया है। ये पांच पॉइंट पूरी तरह शांगहाई भावना में प्रेरित आपसी विश्वास, आपसी लाभ, समानता, सलाह-मश्विरा, विविधतापूर्ण सभ्यताओं का सम्मान करने और साझे विकास की खोज करने के विषय शामिल हैं, जो सच्चा बहुपक्षवाद ही है।
शी जिनपिंग ने दिखाया सकारात्मक कदम
एससीओ का संस्थापक देश होने के नाते चीन ने हमेशा ही एससीओ के विकास के लिए वास्तविक कदम उठाये हैं। इस साल शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने और घनिष्ट एससीओ साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना करने के लिए एक दूसरे का समर्थन को मजबूत करने, सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने, यथार्थ सहयोग को गहरा करने, मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करने, बहुपक्षवाद पर कायम रहने के लिए सिलसिलेवार कदम पेश किये। इस शिखर सम्मेलन में जारी समरकंद घोषणा-पत्र में भी चीनी पक्ष द्वारा पेश किये गये वैश्विक सुरक्षा पहल का विषय शामिल किया गया है।
शंघाई दुनिया के लिए पेश करेगा मिशाल
लोगों ने ध्यान दिया कि एससीओ के इस शिखर सम्मेलन में अर्थतंत्र, वित्त, विज्ञान व तकनीक, संस्कृति, तंत्र निर्माण और वैदेशिक आवाजाही आदि क्षेत्रों के कुल 40 से अधिक उपलब्धि दस्तावेजों को पारित किया गया। साथ ही, सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करने, अंतर्राष्ट्रीय अनाज सुरक्षा की रक्षा करने, मौसम परिवर्तन का निपटारा करने, सप्लाई श्रृंखला की सुरक्षा, स्थिरता और विविधता की रक्षा करने आदि चार बयानों को भी पारित किया गया। हमें विश्वास है कि शांगहाई भावना की गाईड में एससीओ अवश्य ही क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता का आधार बन सकेगा और विश्व शांति व विकास में और बड़ा योगदान दे सकेगा।