SCO Summit: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी एससीओ समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद पर अपनी बात रखी। उन्होंने आतंकवाद को कई सिरों वाला राक्षस बताया। हालांकि इस दौरान शरीफ वही पुराना कश्मीर राग अलापने से बाज नहीं आए। एससीओ समिट को इस्लामाबाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद के ‘कई सिर वाले राक्षस‘ की तरह है। इससे पूरी ताकत और दृढ़ता के साथ लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इसे कूटनीतिक फायदे के लिए हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल करने के खिलाफ भी आगाह किया। भारत द्वारा आयोजित शंघाई सहयोग संगठन ‘एससीओ‘ के राष्ट्राध्यक्षों की 23वीं बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने धार्मिक अल्पसंख्यकों के बारे में भी बात की।
आतंकवाद कई सिरों वाला राक्षस, इसके साथ मिलकर लड़ा जाएः शरीफ
प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा ‘आतंकवाद और उग्रवाद के कई सिर वाले राक्षस से चाहे वह व्यक्तियों, समाज या राज्यों द्वारा प्रायोजित हो, पूरी ताकत और दृढ़ विश्वास के साथ लड़ना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में कूटनीतिक मुद्दे के लिए इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने के किसी भी प्रलोभन से बचना चाहिए।‘ पाक पीएम शरीफ ने कहा ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद समेत सभी तरह के आतंकवाद की स्पष्ट और कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। चाहे कारण या बहाना कुछ भी हो, निर्दोष लोगों की हत्या का कोई औचित्य नहीं हो सकता है।‘
आतंकवाद की फैक्टरी पाकिस्तान के पीएम ने आतंक पर दिया ये बयान
आतंक की फैक्टरी कहे जाने वाले पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि ‘आतंकवाद के संकट से लड़ने में पाकिस्तान द्वारा किए गए बलिदानों की कोई तुलना नहीं है, लेकिन यह अभी भी इस क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है और शांति तथा स्थिरता के लिए ‘गंभीर बाधा‘ है। जिस पाकिस्तान में हिंदू और अन्य गैर मुस्लिम समुदायों पर हो रही हिंसा पर शांत बैठने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भी किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा कि ‘घरेलू राजनीतिक एजेंडे के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नकारात्मक रूप से दिखाने के चलन को रोका जाना चाहिए।‘
लंबित मामलों का निकाला जाए समाधान
शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को भी उठाने की कोशिश की और लंबित विवादों के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की तीन बुराइयों के बारे में भी बात की और एससीओ देशों से इन बुराइयों का मुकाबला करने के लिए अपनी राष्ट्रीय और सामूहिक क्षमता, दोनों के साथ ठोस और तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर कही ये बात
उन्होंने संपर्क के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक परिभाषित विशेषता बन गई है। उन्होंने चीन.पाकिस्तान आर्थिक गलियारे ‘सीपीईसी‘ के बारे में कहा कि यह क्षेत्र में संपर्क और समृद्धि के लिए ‘गेम चेंजर‘ हो सकता है। हालांकि भारत ने सीपीईसी पर चीन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजर रहा है। शरीफ ने पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ का भी जिक्र किया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को 30 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। उन्होंने विकसित देशों से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए गरीबों की मदद करने का आग्रह किया।
अफगानिस्तान को आतंकवाद पर लगाना चाहिए लगामः शहबाज
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को भी किसी भी आतंकवादी संगठन द्वारा अपने क्षेत्र के इस्तेमाल को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूसए चीनए किर्गिज गणराज्यए कजाकिस्तानए ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई थी। वर्ष 2017 में भारत के साथ पाकिस्तान इसका स्थायी सदस्य बन गया।