Saudi arab-India: पाकिस्तान की कंगाली की हालत किसी से छिपी नहीं है। ऐसी कंगाली की हालत में उसके करीब दोस्त और बड़े मुस्लिम देश सऊदी अरब ने भी उसे ठेंगा दिखा दिया है। वहीं दूसरी ओर, सऊदी अरब की राजधानी रियाद में भारत-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल की बैठक में भारत की दिल खोलकर अगवानी की है। दरअसल पाकिस्तान ने हाल के समय में कई बार मुस्लिम दोस्त सऊदी अरब से कर्ज की भीख मांगी है। लेकिन सऊदी अरब ने उसे 'भाव' नहीं दिया।
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में भारत-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल की बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान के दोस्त सऊदी अरब ने भारत की दिल खोलकर अगवानी की। इससे साफ जाहिर होता है कि एशिया में पाकिस्तान की क्या हैसियत रह गई है और भारत का रुतबा कितना बढ़ा है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के बाद अब मुक्त व्यापार समझौते का जल्द ही रास्ता साफ हो सकता है।
रियाद में हुई बैठक में अरब और भारत के बीच कारोबार पर हुई चर्चा
भारत और खाड़ी देशों के बीच रियाद में हुई बैठक में व्यापार और निवेश की दिशा में हुई प्रगति पर खुशी जताई गई। इस बैठक में भारत और खाड़ी देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को जल्दी अंतिम रूप देने पर सहमति बनी। भारत ने इस दौरान ऊर्जा, खाद्यान सुरक्षा, स्वास्थ्य, हेल्थ, आईटी सेक्टर और आतंकवाद निरोधक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का आह्वान किया। दोनों पक्षों ने खास क्षेत्रों में काम करने के लिए संयुक्त वर्किंग ग्रुप बनाने पर सहमति जताई। जीसीसी के अंतर्गत खाड़ी के 6 प्रमुख देश बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात आते हैं।
भारत 154 अरब डॉलर का कारोबार करता है गल्फ कंट्रीज से
भारत के साथ इस बैठक में जीसीसी के सभी 6 देशों ने हिस्सा लिया। जीसीसी देश भारत के लिए इसलिए भी अहम हैं क्योंकि इन देशों में 85 लाख भारतीय काम करते हैं और वे अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा हर साल भारत भेजते हैं। भारत और खाड़ी देशों के बीच साल 2021-22 में 154 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। यूएई और सऊदी अरब तो भारत में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं।
अरब ने पाकिस्तान से कहा 'अब खैरात में नहीं देगा पैसा'
उधर, पाकिस्तान को तो सऊदी अरब ने साफ कह दिया है कि वह अब बिना ब्याज के खैरात में पैसा नहीं देगा। इसके लिए पाकिस्तान को ब्याज देना ही होगा। बार-बार कर्ज मांग रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले साल एक सम्मेलन में पाकिस्तान की इस भीख मांगने की आदत को स्वीकार किया था। शहबाज ने कहा था कि जब वह किसी दोस्त देश के राष्ट्राध्यक्ष को फोन करते हैं तो उन्हें लगता है कि मैंने पैसा मांगने के लिए फोन किया है।
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