Friday, November 22, 2024
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Saudi Arabia: मिडिल-ईस्ट का यह ताकतवर देश करेगा अपने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज में बदलाव

दुबई। दुनिया का अमीर देश सऊदी अरब अपने देश में पर्यटको रिझाने के लिए कई बदलावों से गुजर रहा है। इस बार वह अपने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज को बदलने की योजना बना रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 02, 2022 7:06 IST
Prince Mohammad bin Salman- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Prince Mohammad bin Salman

दुबई। दुनिया का अमीर देश सऊदी अरब अपने देश में पर्यटको रिझाने के लिए कई बदलावों से गुजर रहा है। इस बार वह अपने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज को बदलने की योजना बना रहा है। सऊदी अरब की सरकारी मीडिया के मुताबिक राज्य की गैर-निर्वाचित सलाहकार शूरा परिषद ने राष्ट्रगान और ध्वज में बदलाव के पक्ष में मतदान किया है। हालांकि, परिषद के फैसलों का मौजूदा कानूनों या संरचनाओं पर कोई असर नहीं पड़ता है, लेकिन, इसका फैसला इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके सदस्य सऊदी अरब के शाह (किंग) द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और उनके फैसले अक्सर देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ तालमेल के साथ चलते हैं। शूरा परिषद ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी है। 

गौरतलब है कि सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में देश में कई क्षेत्रों में नए बदलाव और सुधार किए जा रहे हैं। उन्हें इसके लिए अपने पिता शाह सलमान का पूरा समर्थन मिल रहा है। शहजादा एक राष्ट्रीय-सांस्कृतिक पहचान के साथ इस्लाम को प्रतिस्थापित करते हुए सऊदी अरब की पहचान को फिर से परिभाषित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो पूरी तरह से धर्म द्वारा परिभाषित नहीं है। 

इंडोनेशिया भी राजधानी बदलने की कर रहा है तैयारी
गौरतलब है कि दुनिया के कई देश बदलाव से पीछे नहीं हटते हैं। पिछले दिनों इंडोनेशिया ने भी अपने देश की राजधानी को बदलने की बात कही थी। इंडोनेशिया सरकार राजधानी जकार्ता में आबादी और प्रदूषण बढ़ने, भूकंप की आशंकाओं और इसके तेजी से जावा सागर में डूबने के मद्देनजर राजधानी को बोर्नेओ द्वीप में स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही है। इसके पीछे राष्ट्रपति जोको विदोदो का मानना है कि नई राजधानी के निर्माण से जकार्ता में उत्पन्न समस्याएं कम होंगी। इसकी आबादी में कमी आएगी और देश की परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा, जिससे पर्यावरण बेहतर होगा। विदोदो ने पिछले सप्ताह इस योजना को संसद की मंजूरी मिलने से पहले कहा था कि नई राजधानी बनने से केवल सरकारी कार्यालयों का स्थान नहीं बदलेगा, बल्कि इसका मुख्य लक्ष्य एक नए स्मार्ट शहर का निर्माण करना है, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में शामिल हो। 

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