Saudi Arab News: आज के दौर में सोशल मीडिया की निर्भरता बढ़ी है। इसका इस्तेमाल बढ़ा है। हर कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का यूज कर रहा है। वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे फलेटफॉर्म के बिना आज जीवन तक अधूरा लगता है। वैसे इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की अपनी अपनी गाइडलाइंस या दिशा निर्देश हैं। इनका पालन करते हुए आप अपने बात को पूरी आजादी के साथ रख सकते हैं। लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक महिला को ट्विटर का उपयोग करने पर 34 साल की सजा दे दी गई। जानिए ये महिला कौन हैं और किस देश की हैं। साथ यह भी समझिए कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें ट्विटर यूज करने के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
सऊदी अरब ने दी महिला को 34 सालों की जेल की सजा
ये मामला मीडिल ईस्ट के देश सऊदी अरब का है। वहां की एक 34-वर्षीय महिला, सलमा अल-शहब के साथ ये हादसा हुआ है। सलमा यूके (UK) की यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स की एक पीएचडी की स्टूडेंट हैं, जो कि छुट्टियां मनाने के लिए अपने देश में गई हुई हैं। यहां, इस महिला को एक दो साल नहीं बल्कि 34 सालों के लिए जेल में भेज दिया गया है।
जानिए आखिर जेल में जाने के पीछे क्या है कारण
सलमा पर आरोप है कि वे ट्विटर से जुड़ी हुई हैं। साथ ही वे ट्विटर पर उन अकाउंट्स को फॉलो करती हैं, जो कि आम जनता में अशांति को बढ़ावा देने वाले होते हैं। साथ ही राष्ट्रीय व सिविल सुरक्षा को भी अस्थिर करते हैं। सऊदी अरब की खास टेररिस्ट कोर्ट ने सलमा को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस तरह से यूज करने पर तीन साल की सजा का फरमान सुनाया।इसके बाद एक पब्लिक प्रोसेक्यूटर ने अपील कोर्ट से रिक्वेस्ट की कि सलमा के 'दूसरे क्राइम्स' पर भी ध्यान दिया जाए।
सजा तीन साल से बढ़कर 34 साल हो गई
इसके बाद तो सलमा पर सजा का पहाड़ टूट गया। उसकी सजा तीन साल से बढ़ाकर 34 साल कर दी गई। यही नहीं जेल की सजा पाने के साथ ही इसी अवधि तक यानी 34 साल के लिए उस पर ट्रैवल बैन भी लगा दिया गया है। एक रिपोर्ट का कहना है कि सलमा, जो दो बच्चों की मां भी हैं, कोर्ट में एक नई अपील फाइल करेंगी और इस 'अन्याय' के खिलाफ लड़ेंगी।