Saudi Arabia News: अमेरिका के एक नागरिक को कुछ विवादस्पद ट्वीट करने के मामले में सऊदी अरब में 16 साल जेल की सजा सुनाई गई है। अमेरिकी नागरिक के बेटे ने यह जानकारी दी। अमेरिकी नागरिक साद इब्राहिम अलमादी (72) ने यह ट्वीट अमेरिका में रहते हुए करीब सात साल पहले किए थे। ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ की खबर की पुष्टि करते हुए इब्राहिम के बेटे ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि उनके पिता एक सेवानिवृत्त ‘प्रोजेक्ट मैनेजर’ थे और फ्लोरिडा में रहते थे। वह पिछले साल नवंबर में परिवार से मिलने सऊदी अरब की यात्रा पर आए थे और तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अलमादी अमेरिका और सऊदी अरब दोनों देशों के नागरिक हैं। सऊदी अधिकारियों ने इस मामले पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
7 साल पहले किया था ट्वीट
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अलमादी को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की। पटेल ने कहा, ‘‘हमने सऊदी सरकार के आलाकमान के समक्ष लगातार गंभीरता से अपनी चिंताएं जाहिर की हैं और आगे भी हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हमने कल भी सऊदी अरब की सरकार के सदस्यों के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।’’ इब्राहिम के बेटे ने बताया कि उनके पिता को सात साल पहले किए गए ‘कुछ मामूली से ट्वीट’ को लेकर पकड़ा गया। उनमें उन्होंने सरकारी नीतियों और कथित भ्रष्टाचार की आलोचना की थी।
आतंकवाद के समर्थन का आरोप
उन्होंने बताया कि उनके पिता कोई कार्यकर्ता नहीं हैं बल्कि एक आम नागरिक हैं जो अमेरिका में रहते हुए अपनी राय व्यक्त कर रहे थे, जहां विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। इब्राहिम के बेटे ने बताया कि उनके पिता को आतंकवाद का समर्थन करने के मामले में तीन अक्टूबर को 16 साल जेल की सजा सुनाई गई। उन पर आतंकवादी कृत्यों की जानकारी देने में विफल रहने का आरोप भी लगाया गया। उन पर 16 साल का यात्रा प्रतिबंध भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के अधिकारियों ने उन्हें मामले पर चुप्पी साधे रहने की धमकी दी और अमेरिकी सरकार को इसमें शामिल ना करने को लेकर भी आगाह किया।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मामले को नजरअंदाज किया
वह अभी 72 वर्ष के हैं, 12 साल बाद रिहाई के समय 87 वर्ष के होंगे और फिर यात्रा प्रतिबंध के कारण 104 साल की उम्र में वह अमेरिका आ पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि मार्च में अमेरिकी विदेश मंत्रालय से संपर्क करने के बाद उनके पिता को काफी प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने उनके पिता को हिरासत में लिए जाने को अमान्य घोषित न कर इस मामले को नजरअंदाज किया है। इब्राहिम के बेटे ने इस सप्ताह मामले को सबके सामने लाने के अपने फैसले पर कहा, ‘‘ उन्होंने मुझे बरगलाया। उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा ताकि वे उन्हें वहां से निकलवा सकें। मैं अब विदेश मंत्रालय पर और विश्वास नहीं करने वाला।’’