दुनियाभर से हज पर जाने वाले जायरीनों की लिए खुशखबरी है। सऊदी अरब ने पिछले तीन साल से जायरीनों की संख्या पर लगाई पाबंदी को हटा दिया है। सऊदी अरब के इस ऐलान के बाद जितनी संख्या में कोरोना महामारी के पहले जायरीन हज यात्रा पर जाया करते थे, अब उतनी ही तादाद में जा सकेंगे। इसके साथ ही सऊदी अरब की सरकार ने आयु सीमा को भी हटा दिया है।
कोरोना महामारी से पहले 2019 में करीब 25 लाख जायरीन हज यात्रा पर गए थे। हालांकि, महामारी की वजह से साल 2020 और 2021 में जायरीनों की संख्या में भारी गिरावट आई थी। साल 2019 में 24 लाख जायरीन हज करने पहुंचे थे। हालांकि, 2020 में महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर सऊदी अरब ने हज यात्रियों की संख्या को सिर्फ 1000 तक सीमित कर दिया। यह कदम अभूतपूर्व था, क्योंकि 1918 की फ्लू महामारी के दौरान भी ऐसा नहीं किया गया था,जब दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जान बीमारी से चली गई थी। साल 2021 में सऊदी अरब के करीब 60 हजार निवासियों को हज यात्रा की इजाजत दी गई। पिछले साल करीब 10 लाख जायरीनों ने हज यात्रा की।
क्या है हज और उमराह मंत्री का बयान?
सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री तौफीक बिन फवजान अल-रबिया ने पाबंदियों को हटाने की घोषणा की। रियाद में अल-रबियाह ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "मैं इस बैठक में आपके लिए दो अच्छी खबरें लेकर आया हूं। पहला- हज यात्रियों की महामारी के पहले की तादाद की वापसी बिना उम्र संबंधी किसी पाबंदी के है और दूसरा- दुनिया भर के किसी भी हज मिशन को किसी भी लाइसेंस प्राप्त कंपनी से करार की अनुमति देना, जो उन देशों के हज यात्री की आवश्यकताओं को पूरा करती हो।"
हज के लिए आयु सीमा में दी गई छूट
हाल के सालों में केवल 18 से 65 वर्ष की आयु के लोग ही हज में शामिल हो सकते थे। सऊदी अरब ने यह भी सीमित कर दिया था कि कौन सी निजी कंपनियां हज के लिए यात्रा की व्यवस्था कर सकती हैं। भारत सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत से हर साल लाखों की तादाद में मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं। साल 2019 में सबसे ज्यादा दो लाख भारतीय मुसलमान हज के लिए मक्का पहुंचे थे। वहीं, सऊदी अरब सरकार ने गुरुवार को ऐलान किया कि साल 2023 में हज के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।