माले: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ की। बैठक में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग, क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने में ‘‘साझा हित’’ पर चर्चा हुई। जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। द्वीपीय राष्ट्र के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लगभग नौ महीने पहले पदभार संभालने के बाद नई दिल्ली की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
'साझा हितों पर हुई चर्चा'
अपनी यात्रा के दूसरे दिन जयशंकर ने द्वीपीय राष्ट्र के रक्षा मंत्री मौमून से मुलाकात की। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘रक्षा मंत्री मौमून के साथ बैठक बेहद सकारात्मक रही। रक्षा और सुरक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त पहल और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में हमारे साझा हितों पर चर्चा हुई। ‘एक्स’ पर उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले वर्ष राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद से मालदीव के साथ चीन के सैन्य संबंध बढ़ रहे हैं। एक अत्याधुनिक चीनी अनुसंधान पोत मालदीव के बंदरगाह पर पहुंच चुका है और दोनों देशों ने एक द्विपक्षीय सैन्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
भारत और मालदीव के बीच दिखा था तनाव
इससे पहले जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण एवं ऊर्जा मंत्री थोरिक इब्राहिम के साथ संयुक्त रूप से पौधारोपण किया। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आज विदेश मंत्री मूसा जमीर और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण एवं ऊर्जा मंत्री थोरिक इब्राहिम के साथ मिलकर माले के लोनुजियाराय पार्क में कमरख (स्टार फ्रूट) का पौधा रोपकर बेहद खुशी हुई। यह पौधा बेहतर भविष्य और भारत-मालदीव के बीच मजबूत संबंधों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।’’ पिछले वर्ष राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार के सत्ता में आने के बाद जयशंकर की यह पहली मालदीव यात्रा है। चीन के प्रति झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच पिछले साल संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे। (भाषा)
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