इस्लामाबादः रूस वैसे तो भारत का बहुत तगड़ा और पारंपरिक दोस्त है, मगर वह एक मामले में पाकिस्तान का साथ देने जा रहा है। रूस की ओर से यह ऐलान ऐसे वक्त में किया गया है, जब पीएम मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति लाने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बातचीत कर चुके हैं। बता दें कि पीएम मोदी ने जुलाई में रूस और उसके बाद अगस्त में यूक्रेन की यात्रा की थी। जहां वह पहले राष्ट्रपति पुतिन और फिर यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की से मिले थे। पीएम मोदी ने कहा था कि युद्ध के मैदान में जंग लड़कर कभी शांति नहीं लाई जा सकती।
अब रूस ने ब्रिक्स की सदस्यता मामले में पाकिस्तान का साथ देने का ऐलान कर दिया है। मॉस्को ने बुधवार को कहा कि वह ‘ब्रिक्स’ में शामिल होने के पाकिस्तान के प्रयास का समर्थन करेगा। रूस ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार व सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर अपने संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया है। रूस के उपप्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ वार्ता के बाद संवाददाताओं से कहा, “हमें खुशी है कि पाकिस्तान ने (सदस्यता के लिए) आवेदन किया है। ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन मित्रवत संगठन हैं। हम इसका समर्थन करेंगे।” इस बीच रूस के उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर से भी मुलाकात की है।
क्या है ब्रिक्स
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने ओवरचुक के हवाले से बताया, “पिछले एक वर्ष में हमने ब्रिक्स का महत्वपूर्ण विस्तार देखा है और दुनिया भर के देश इसमें शामिल होने में बहुत रुचि दिखा रहे हैं।” ब्रिक्स की स्थापना 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा की गई थी। दक्षिण अफ्रीका 2011 में इसमें शामिल हुआ था। एक जनवरी, 2024 को मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और इथियोपिया इसके पूर्ण सदस्य बन गए। (भाषा)
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