Highlights
- यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के करीबी सहयोगी चीन ने गुरुवार को सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की।
- चीन ने वर्तमान संकट को लेकर सभी संबद्ध पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया।
- सभी देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा पर चीन का रुख निरंतर एक-सा रहा है: झांग
बीजिंग/संयुक्त राष्ट्र: यूक्रेन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ‘विशेष सैन्य अभियान’ पर रूस के करीबी सहयोगी चीन ने गुरुवार को सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की। चीन ने वर्तमान संकट को लेकर सभी संबद्ध पक्षों से संयम बरतने तथा तनाव को नियंत्रण से बाहर होने देने से रोकने का आह्वान किया। टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का रूस का कदम उस देश से उत्पन्न खतरे के मद्देनजर उठाया गया है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि वे रूस की कार्रवाई में दखल देते हैं तो उन्हें ‘ऐसे परिणाम भुगतने होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे।’
‘हम यूक्रेन की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं’
डोनबास क्षेत्र में सैनिकों को भेजने और क्या चीन इसे ‘आक्रमण’ तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन मानता है, सवालों का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगी कि चीन, यूक्रेन की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है। हम सभी पक्षों से संयम बनाये रखने एवं स्थिति को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने देने की अपील करते हैं।’ जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या पुतिन का कदम यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन है, प्रवक्ता ने कहा, ‘इस मुद्दे की जटिल ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है।’
‘ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे तनाव बढ़े’
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में चीन ने यूक्रेन मुद्दे से जुड़े पक्षों से संयम बरतने तथा तनाव को और अधिक बढ़ाने वाला कोई भी कदम उठाने से बचने को कहा। चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने गुरुवार को खबर दी कि संयुक्त राष्ट्र में चीन के विशेष प्रतिनिधि झांग जून ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र की पूर्ण बैठक में कहा, ‘वर्तमान परिदृश्य में सभी संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे तनाव और बढ़े।’
पुतिन ने 2 नए स्वतंत्र देशों को दी थी मान्यता
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने यह बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा के बाद दिया है। पुतिन ने ‘लुहांस्क गणतंत्र’ और ‘डोनेस्टक गणतंत्र’ को स्वतंत्र एवं संप्रभु देशों के रूप में मान्यता देते हुए सोमवार को दो सरकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किये थे। चीन इस घोषणा पर चुप रहा था। शिन्हुआ के अनुसार झांग ने कहा, ‘चीन यूक्रेन में उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए है।’
‘मुद्दे की जड़ें ऐतिहासिक एवं वर्तमान कारकों में हैं’
झांग ने कहा, ‘सभी देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा पर चीन का रुख निरंतर एक-सा रहा है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों को संयुक्त रूप से अक्षुण्ण रखा जाना चाहिए। हमारा मानना है कि यूक्रेन के मुद्दे की जड़ें ऐतिहासिक एवं वर्तमान कारकों में समायी हुई हैं। उन कारकों के पारस्परिक प्रभाव से स्थिति यहां तक पहुंची है। वर्तमान परिदृश्य में सभी संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे और तनाव बढ़े।’
‘हम कूटनीतिक समाधान का स्वागत करते हैं’
झांग ने कहा, ‘हम कूटनीतिक समाधान ढूंढने में लगे हुए सभी पक्षों का स्वागत एवं उत्साहवर्धन करते हैं।’ चीन ने गुरुवार को भी सभी पक्षों से धैर्य रखने एवं वार्ता के माध्यम से यूक्रेन मुद्दे का समाधन तलाशने की अपील की। हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘वर्तमान परिस्थिति में यूक्रेन मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि रूस ने बार-बार कहा कि उसका इरादा यूक्रेन के विरूद्ध युद्ध छेड़ना नहीं है और वह नाटो में यूक्रेन के शामिल होने के विषय पर प्रांसंगिक पक्षों के साथ वार्ता के लिए तैयार है।
चीन ने अमेरिकी पाबंदियों की आलोचना की
चुनयिंग ने कहा, ‘अमेरिका को यूक्रेन से जुड़े मुद्दे एवं रूस के साथ संबंधों पर विचार करने के दौरान चीन एवं अन्य देशों के वैध अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।’ उन्होंने रूस के विरूद्ध अमेरिका की पाबंदियों की निंदा की और कहा, ‘प्रतिबंध समस्याओं के समाधान के कभी कारगर तरीके नहीं रहे हैं और चीन हमेशा एकतरफा पाबंदियों का विरोध करता रहा है।’