Highlights
- सत्ता से हटाए जा सकते हैं व्लादिमीर पुतिन
- तीन लोगों में से एक ले सकता है जगह
- दशकों से रूस की सत्ता पर हैं काबिज
Russia: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को छह महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। इसका जो परिणाम सामने आया है, उसकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। ऐसी अफवाहें हैं कि पुतिन को यूक्रेन युद्ध में रूस के खराब प्रदर्शन और उनकी बिगड़ती तबीयत की वजह से कुर्सी से हटाया जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की जगह अगर कोई और रूस का राष्ट्रपति बना तो यह अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के लिए अच्छा नहीं होगा। वह उनसे भी ज्यादा सख्त रुख रखने वाला हो सकता है। सीआईए मॉस्को स्टेशन के पूर्व बॉस डेनाइल हॉफमैन ने दावा करते हुए कहा है कि पुतिन को सत्ता से हटाने के लिए साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि अगर रूस में तख्तापलट होता है, तो यह शांतिपूर्ण तरीके से बिलकुल नहीं होगा। क्योंकि कोई पुतिन से ये नहीं पूछने वाला कि वह सत्ता में रहना चाहते हैं या नहीं? उन्होंने कहा कि पुतिन को सत्ता से हटाकर कोई भी शख्स तभी राष्ट्रपति बन सकता है, जब वह पुतिन को मार दे। क्योंकि उनके जीवित रहते ऐसा होना संभव नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा कि उनकी नजर में ऐसे तीन नाम हैं, जो रूस के राष्ट्रपति बन सकते हैं। इनमें पहले स्थान पर पुतिन के शीर्ष आर्थिक सलाहकार सर्गेई ग्लैजेव, दूसरे पर रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव और तीसरे पर रूस की काउंटर-जासूसी एजेंसी के प्रमुख अलेक्जेंडर बोर्तनिकोव हैं।
कतार से कई अन्य लोग भी जुड़े हैं
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन डीसी में सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी एनालिसिस के सीनियर फेलो ओल्डा लॉटमैन का दावा है कि कई और लोग इस कतार में खड़े हैं। ऐसे 100 लोग होंगे जो पुतिन की सत्ता हथियाना चाहते हैं और वह उनसे भी ज्यादा कड़े रुख वाले होंगे। उन्होंने कहा कि सर्गेई ग्लैजेव दिन रात नाटो को खत्म करने का सपना देखते हैं। विशेषज्ञ ने कहा, 'ग्लैजेव पुतिन से ज्यादा मानसिक रूप से अस्थिर और फासीवादी हैं।'
पुतिन के जाने से पश्चिमी देशों को खतरा
पुतिन के प्रतिद्विंदी रहे मिखाइल श्वेतोव इस वक्त पनामा में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर एक बार पुतिन चले गए, तो रूस में असली कट्टरपंथी आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि रूस के भीतर भी युद्ध होने का उसी तरह खतरा रहेगा, जिस तरह पूरे पश्चिम में युद्ध होने का खतरा होगा। श्वेतोव ने कहा कि पश्चिम में कुछ लोगों का मानना है कि एक बार अगर पुतिन सत्ता से हट जाएं, तो चीजें बदलने लगेंगी। लेकिन ऐसा नहीं है। पुतिन का जाना पश्चिम के लिए दशकों का सबसे बड़ा खतरा होगा।
रूस को पुतिन से क्या मिला?
पुतिन को लेकर माना जाता है कि उनके आने से देश में स्थिरता आई है, जब वह सत्ता में आए तब इसी की कमी थी। उन्होंने वैश्विक स्तर पर खुद को एक ताकतवर नेता और रूस को ताकतवर देश दिखाने में खूब कामियाबी हासिल की है। वो लगातार खुद को ताकतवर बनाते चले गए। आर्थव्यवस्था से लेकर सैन्य फैसले तक वही लेते हैं। उन्हें वन मैन आर्मी कहें, तो कुछ गलत नहीं होगा। हाल का ही उदाहरण ले लें, जब लगभग पूरी दुनिया खासतौर से पश्चिमी देशों ने रूस को अलग-थलग करने की कोशिश की, तब भी पुतिन उनके आगे नहीं झुके। उन्होंने व्यापार को डॉलर के बजाए रूबल में करने का फैसला लिया। यूक्रेन द्वारा रूस की मांगें नहीं माने जाने तक हमले करने की जिद नहीं छोड़ी। दुनियाभर की आलोचनाओं के बावजूद वो अपने फैसले पर कायम हैं। अब वो इतने मशहूर हैं, कि अगर बिना पार्टी के भी चुनाव लड़ें, तो भी जीत ही हासिल करेंगे।
एक खुफिया एजेंट, कैसे बना राष्ट्रपति?
कभी रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी के एजेंट रहे पुतिन अब उसी देश के राष्ट्रपति हैं। वो उस वक्त सत्ता में आए थे, जब शीत युद्ध के चलते दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई थी और दुनिया के साथ रूस के रिश्ते संभालना जरूरी था। आपको बता दें पुतिन को आइस हॉकी में महारत हासिल है। उनके पास जूडो में ब्लैक बेल्ट है और वह मार्शल आर्ट्स के एक्सपर्ट हैं। वह हर दांव पेच जानते हैं। पुतिन सबसे पहले 1999 में देश के कार्यकारी राष्ट्रपति बने थे। इसके एक साल बाद 2000 में वो राष्ट्रपति बन गए। उन्होंने बकायदा चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की। दो बार राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा करने के बाद संविधान तीसरी बार उन्हें इस पद पर रहने की अनुमति नहीं दे रहा था। तो पुतिन प्रधानमंत्री बन गए। इसके बाद वो दोबार 2014 में देश के राष्ट्रपति बने और फिर 2018 में हुए चुनाव में दोबारा चुनाव लड़कर राष्ट्रपति बने, उनका ये कार्यकाल 2024 तक चलेगा।
पुतिन ने अपनी लगभग हर इमेज दुनिया को दिखाई है। कभी वो शर्टलेस होकर घोड़े की सवारी करते दिखते हैं, कभी स्वीमिंग करते नजर आते हैं, कभी बाइक चलाते हैं, तो कभी प्यारे से पपी को प्यार करते दिखते हैं। एक मौके पर वह अपने सहयोगी की मौत पर रोते हुए भी दिखे थे। अगर आप चारों तरफ अपनी नजर फिराएं, तो आपको शायद ही कोई पुतिन जितना ताकतवर नेता दिखाई देगा। पुतिन के सत्ता में आने के बाद से भारत के साथ भी रूस के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं।