Luna-25 mission : रूस ने चंद्रमा पर कदम रखने के लिए 47 बाद अपना अभियान लॉन्च कर दिया है। शुक्रवार तड़के स्थानीय समय के मुताबिक 2 बजकर 11 मिनट पर बोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 को लॉन्च किया गया। रूस से पहले भारत अपने अंतिरक्ष यान चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजा गया है। दोनों ही मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराना और चांद की सतह का अध्ययन करना है। रूस और भारत दोनों के यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेंगे।
1976 के बाद चांद पर रूस का पहला यान
रूस ने 1976 के बाद पहली बार चंद्रमा पर अपने ‘लूना-25’ यान को भेजा है। इस यान का प्रक्षेपण यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की मदद के बिना किया गया। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद मॉस्को के साथ इस एजेंसी ने अपना सहयोग समाप्त कर दिया था।
23 अगस्त को चांद पर पहुंचेगा लूना-25
खबरों के मुताबिक, रूसी अंतरिक्ष यान के आगामी 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। यह वही तारीख है, जब भारत द्वारा 14 जुलाई को प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। दोनों ही देशों ने अपने-अपने यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जहां अभी तक कोई भी यान सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हो सका है। अभी तक सिर्फ तीन देश-अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग कर पाए हैं।
एक साल का करेगा लूना-25
अगर सबकुछ उम्मीदों के मुताबिक रहा तो रूसी यान लूना-25 और भारत का चंद्रयान-3 की दक्षिणी ध्रुव पर मौजूदगी से दोनों देश चांच पर एक दूसरे के पड़ोसी हो जाएंगे। लूना-25 छोटी कार के आकार का है। इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक साल तक काम करने के लक्ष्य से बनाया गया है। (इनपुट-भाषा)