Friday, November 22, 2024
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उत्तर कोरिया को जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करने में रूस ने की मदद, दक्षिण कोरिया का बड़ा दावा

उत्तर कोरिया ने जासूसी सैटेलाइट लॉन्च किया है, इससे जापान सागर और उसके आसपास के इलाके में चिंता फैल गई है। दक्षिण कोरिया और जापान चिंतित हैं। वहीं दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि जासूसी उपग्रह लॉन्चिंग में रूस ने मदद की है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: November 23, 2023 17:09 IST
उत्तर कोरिया ने लॉन्च किया जासूसी उपग्रह- India TV Hindi
Image Source : PTI उत्तर कोरिया ने लॉन्च किया जासूसी उपग्रह

South Korea on North Korea: दक्षिण कोरिया और जापान उत्तर कोरिया की 'कारस्तानियों' से हमेशा चिंतित रहते हैं। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण करके जापान और दक्षिण कोरिया पर सुदूर पूर्वी एशियाई इलाकों में दहशत बनाता रहता है। इसी बीच उत्तर कोरिया ने हाल ही में जासूसी सैटेलाइट लॉन्च किया है। ​इस पर दक्षिण कोरिया ने बड़ा दावा किया है कि किम जोंग के देश को जासूसी सैटेलाइट का सफल परीक्षण में रूस ने मदद की है। इस तरह एक बार फिर यह साबित हो गया है कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के खिलाफ उत्तर कोरिया, चीन और रूस की तिकड़ी नए और अघोषित संगठन का आकार ले रही है।

दक्षिण कोरिया ने बड़ा दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने रूस की मदद से टोही उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कराया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस वर्ष की शुरुआत में उत्तर कोरिया ने टोही उपग्रहों के प्ररीक्षण की कोशिश की थी, लेकिन वह इसमें नाकाम रहा था। उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने उपग्रह ‘मालिगयोंग-1’ को मंगलवार रात को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। दक्षिण कोरिया ने इस बात की पुष्टि की है कि उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गया है। साथ ही कहा कि अभी उसे यह पता लगाने में कई दिन लगेंगे कि उपग्रह ठीक से कम कर रहा है या नहीं। 

रूस को भेजी गई थी रॉकेट ​की डिजाइन

दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने गुरुवार को सांसदों को बताया कि प्रक्षेपण के सफल होने का मुख्य कारण रूसी सहायता है। ‘राष्ट्रीय खुफिया सेवा’ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा उत्तर कोरिया के उपग्रह कार्यक्रम को समर्थन देने के पूर्व में दिए गए बयानों का जिक्र किया। इस बैठक में शामिल सांसद यू सांग-बुम ने बताया कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा ने यह भी कहा कि उसे सूचना मिली है कि उत्तर कोरिया ने अपने नए ‘चोलिमा-1’ रॉकेट की डिजाइन और अन्य आंकड़े रूस को भेजे थे। सांसद बुम ने कहा कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा ने कहा कि उसे यह भी जानकारी मिली है कि रूस ने उत्तर कोरिया के आंकडों की समीक्षा के बाद उन्हें वापस भेज दिया था।

उत्तर कोरिया ने जारी नहीं की हैं सैटेलाइट की तस्वीरें

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री शिन वोनसिक ने संसद की एक समिति को बृहस्पतिवार को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि रूस उत्तर कोरिया के उपग्रह कार्यक्रम को टेक्नोलॉजी संबंधी सहयोग मुहैया करा रहा है। उत्तर कोरिया ने कहा कि उसका ‘मलिगयोंग-1’ उपग्रह एक दिसंबर को अपना काम शुरू करेगा। साथ ही उसने कहा कि उपग्रह ने गुआम में सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजी हैं और किम ने उन्हें देखा है। उत्तर कोरिया ने तस्वीरें जारी नहीं की हैं। 

2018 के समझौते का पालन करने से दोनों देशों ने किया इनकार

कई विशेषज्ञों को इस पर संदेह है कि उपग्रह इतना आधुनिक है कि वह सेना के लिए टोह लेने जैसे कार्य कर सके। उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ तनाव के बीच अंतरिक्ष आधारित निगरानी तंत्र स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उत्तर कोरिया का कहना है कि उसे अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य खतरों से निपटने के लिए टोही उपग्रह प्रक्षेपण का अधिकार है। इस जासूसी सैटेलाइट लॉन्चिंग के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया दोनों 2018 के समझौते का पालन नहीं करने के मूड में हैं।

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