Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. शांति के लिए यूक्रेन छोड़कर इजराइल आए थे शरणार्थी, यहां भी जी रहे युद्ध के माहौल में

शांति के लिए यूक्रेन छोड़कर इजराइल आए थे शरणार्थी, यहां भी जी रहे युद्ध के माहौल में

यूक्रेन से इजराइल आए शरणार्थी यहां भी युद्ध की विभीषिका झेलने पर मजबूर हो गए हैं। वे यूक्रेन से इजराइल इसलिए आए थे कि यहां शांति से समय गुजारेंगे। लेकिन यहां भी इजराइल और हमास की जंग शुरू हो गई।

Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Nov 21, 2023 14:54 IST, Updated : Nov 21, 2023 16:27 IST
यूक्रेन से इजराइल आए शरणार्थी झेल रहे युद्ध की विभीषिका।
Image Source : FILE यूक्रेन से इजराइल आए शरणार्थी झेल रहे युद्ध की विभीषिका।

Israel Hamas War : इजराइल और हमास युद्ध के बीच रूस और यूक्रेन की जंग की गूंज भले ही सुनाई नहीं दे रही हो, लेकिन यह जंग भी अभी खत्म नहीं हुई है। इसी बीच यूक्रेन के जो शरणार्थी रूस और यूक्रेन की जंग के कारण यूक्रेन छोड़कर शांति से जीने के लिए इजराइल आए थे, उनकी बदकिस्मती यह रही कि उन्हें यहां भी युद्ध के माहौल में जीना पड़ रहा है। फरवरी 2022 से अब तक 45 हजार से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों ने इजराइल में शरण ली है।

यूक्रेन में रूस के हमले होने के बाद अपना देश छोड़ कर इजराइल में शरण लेने वाले यूक्रेनी नागरिक एक बार फिर युद्ध के माहौल में जीने को मजबूर है। उन्हें वही सब दोबारा झेलना पड़ रहा है जो वह अपने देश में पीछे छोड़कर आए थे। केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो और सहायता समूहों के अनुसार, फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से 45,000 से अधिक यूक्रेनी नागरिकों ने इजराइल में शरण ली। रूस द्वारा मारियुपोल शहर में मचाई गई तबाही के बाद करीब डेढ़ वर्ष पहले यूक्रेन से इजराइल आईं तात्याना प्राइमा ने सोचा था कि उन्होंने अपने जीवन में बम धमाकों की आवाजों को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन एक बार फिर उन्हें वैसे ही माहौल में रहना पड़ रहा है।

यूक्रेन से निकले तो इजराइल में देखना पड़ा जंग का मुंह

वह अपने घायल पति और छोटी बेटी के साथ यूक्रेन से सुरक्षित निकलने में कामयाब रहीं और परिवार के साथ दक्षिणी इजराइल में उन्होंने शरण ले ली। उन्हें लगा कि धीरे-धीरे उनके जीवन में शांति आ रही है, लेकिन सात अक्टूबर को हमास के चरमपंथी समूह द्वारा इजराइल पर हमला करने के साथ ही यह शांति फिर से समाप्त हो गई। उन्होंने कहा, ‘बम धमाकों की ये आवाजें उन जख्मों को हरा कर देती हैं जो कि मारियुपोल में रूसी हमले के दौरान मिले।’

सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है मारियुपोल शहर

मारियुपोल रूसी हमलों से यूक्रेन के सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक रहा है, जहां लोग कई हफ्तों तक बमबारी के बीच, भोजन, पानी के लिए भटकते रहे। दूरसंचार की सुविधा नहीं होने से यह लोग पूरी दुनिया से कट गए। प्राइमा ने कहा कि युद्ध के शुरुआती हफ्तों के दौरान उन्होंने घर के बाहर खाना पकाया, पीने के पानी के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया और शहर के बाहरी इलाके में अपने रिश्तेदारों के साथ आश्रय लिया। उन्होंने कहा, ‘लेकिन गोलाबारी तेज हो गई और आसपास रॉकेट गिर रहे थे, जब मेरे पति घायल हो गये तो हमने यहां से जाने का फैसला किया।’

इजराइल में भी जंग का माहौल, निपटने के लिए खोज रहे उपाय

उन्होंने कहा, ‘वह दिन हमारे के लिए नरक में जाने जैसा था।’ चूंकि अब इजराइल में भी युद्ध का माहौल है तो प्राइमा की तरह ही, अधिकतर लोगों ने इससे निपटने के तरीके खोजने शुरू कर दिए हैं। कुछ ने इजराइल छोड़ दिया है, लेकिन कई लोगों ने दोबारा युद्ध से भागने से इनकार कर दिया है। लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाये जाने से ज्यादातर लोग व्यक्तिगत सहायता से भी वंचित हो गये हैं। संघर्ष क्षेत्रों में अनुभव रखने वाले मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ.कोएन सेवनेंट्स ने कहा, ‘ये लोग जबरदस्त निराशा का सामना कर रहे हैं।’

मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा ग​हरा प्रभाव

सेवनेंट्स और अन्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि जो लोग किसी दर्दनाक घटना से पूरी तरह उबर नहीं पाते और उन्हें फिर से ऐसे ही दौर से गुजरना पड़ता है तो ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है और उनमें अवसाद का खतरा पैदा हो जाता है। ‘द केशर फाउंडेशन’ के रब्बी ओल्या वेन्स्टीन ने कहा, ‘‘संगठन ऐसे शरणार्थियों को वित्तीय सहायता और भोजन उपलब्ध करा रहा है जो अपना घर छोड़ने कर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। यह संगठन यूक्रेन से आये छह हजार शरणार्थियों की मदद कर रहा है। वेनस्टीन ने कहा, ‘हर किसी के लिए मदद उपलब्ध कराना बेहद कठिन है, लोग पूछ रहे हैं कि अब क्या होगा।

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement