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पाकिस्तान सरकार के लिए सरदर्द बने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, कानूनों में संशोधन की मांग वाला एक और विधेयक लौटाया

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी सरकार के लिए सरदर्द बन चुके हैं। वह संसद से आने वाले विधेयकों को लगातार संशोधन के लिए वापस लौटा रहे हैं। इससे पाकिस्तान की सरकार परेशान हो चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को राष्ट्रपति के इस रवैये का कोई हल ढूंढ़े नहीं मिल रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Apr 30, 2023 21:12 IST, Updated : Apr 30, 2023 21:12 IST
शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
Image Source : AP शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी सरकार के लिए सरदर्द बन चुके हैं। वह संसद से आने वाले विधेयकों को लगातार संशोधन के लिए वापस लौटा रहे हैं। इससे पाकिस्तान की सरकार परेशान हो चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को राष्ट्रपति के इस रवैये का कोई हल ढूंढ़े नहीं मिल रहा है। ताजा मामले में आरिफ अल्वी ने ने भ्रष्टाचार-रोधी कानूनों में बदलाव से संबंधित एक विधेयक रविवार को संसद को इस टिप्पणी के साथ लौटा दिया कि इसी तरह के पिछले संशोधन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और वह अब भी विचाराधीन है। ‘

राष्ट्रीय जवाबदेही (संशोधन) विधेयक, 2023’ इस महीने की शुरुआत में संसद द्वारा पारित किया गया था और इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति अल्वी को उनके समर्थन के लिए भेजा गया था। विधेयक न केवल राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के प्रमुख को 50 करोड़ रुपये से कम के आरोपों वाले भ्रष्टाचार के मामलों को संबंधित एजेंसी, प्राधिकरण या विभाग को स्थानांतरित करने का अधिकार देता है, बल्कि लंबित पूछताछ और जांच को बंद करने का भी अधिकार देता है। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, "राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 (विधेयकों पर राष्ट्रपति की सहमति) के तहत विधेयक को संसद को वापस भेज दिया।" इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने कहा कि एनएबी कानून में पिछले संशोधन का मामला पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और एक लंबित मामले के प्रभावों की समीक्षा किये बिना जवाबदेही कानूनों में किसी भी तरह के बदलाव की एक बार फिर से समीक्षा की जानी चाहिए।

यह है मामला

सरकार ने पिछले साल 50 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार के मामलों में एनएबी की भूमिका को प्रतिबंधित करने और जवाबदेही अदालत के न्यायाधीशों की नियुक्ति के राष्ट्रपति के अधिकार को छीनने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही (दूसरा संशोधन) अधिनियम 2022 पारित किया था। कानून ने एनएबी अध्यक्ष और ब्यूरो के महाभियोजक के चार साल के कार्यकाल को घटाकर तीन साल कर दिया। अल्वी ने विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था और पिछले साल 10 जून को संसद के संयुक्त सत्र में इसे मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसपर निर्णय लंबित है।

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