Friday, November 22, 2024
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बेचारे पाकिस्तान को लगा अब एक और बड़ा झटका! शहबाज शरीफ ने लगाई अमेरिका से गुहार

डॉलर विनिमय दर पर अनौपचारिक कैप को हटाए जाने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई है। पाकिस्तान में अब एक डॉलर के लिए 255 रुपये चुकाने पड़ते हैं।

Written By: Shashi Rai @km_shashi
Published on: January 26, 2023 19:13 IST
शाहबाज शरीफ और जो बिडेन- India TV Hindi
Image Source : फाइल फोटो शाहबाज शरीफ और जो बिडेन

जुलाई 2022 के बाद से पाकिस्तानी रुपये का यह सबसे खराब प्रदर्शन है। इस बीच पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की कर्ज शर्तों को नरम करने के लिए अमेरिका से मदद मांग रहा है। पाकिस्तान ने अमेरिकी अधिकारियों से शर्तों को नरम करने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करने के लिए कहा है क्योंकि देश आर्थिक और राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि वित्त मंत्री इशाक डार ने यूएस ट्रेजरी विभाग के उप सहायक सचिव, एशिया के दौरे पर रॉबर्ट काप्रोथ के साथ एक बैठक के दौरान यह अनुरोध किया। ऋण कार्यक्रम महीनों से रुका हुआ है और शहबाज शरीफ सरकार को आगामी चुनावों के साथ देश में तनावपूर्ण राजनीतिक माहौल के बीच उधारदाताओं की शर्तों को लागू करने में मुश्किल हो रही है।

एक डॉलर के लिए 255 रुपये चुकाने पड़ते हैं

 सरकार दुविधा में है क्योंकि पहले से ही बोझ से दबे नागरिकों पर अधिक कर लगाने से सत्ताधारी गठबंधन अधिक कठिन स्थिति में आ जाएगा और चुनाव में हार का जोखिम होगा। महंगाई चरम पर है और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक मित्र देशों ने इस्लामाबाद को यह भी बता दिया है कि आईएमएफ की क्रेडिट सुविधा आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक वित्तीय मदद के अन्य स्रोत खोलेगी। डार ने कप्रोथ का स्वागत किया और उन्हें देश के आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी। बता दें, डॉलर विनिमय दर पर अनौपचारिक कैप को हटाए जाने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई है। पाकिस्तान में अब एक डॉलर के लिए 255 रुपये चुकाने पड़ते हैं।

कमजोर अर्थव्यवस्था विरासत में मिली: डार 

डार ने उन्हें बताया कि सरकार को एक कमजोर अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है और चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद आर्थिक वृद्धि और विकास हासिल करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र और पूंजी बाजार सहित सभी क्षेत्रों में सुधार शुरू करके चीजों को सही दिशा में ले जाने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करते हुए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने सहित सरकार की आर्थिक प्राथमिकताओं से भी अवगत कराया।

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