इस्लामाबादः अब तक आर्थिक कंगाली की वजह से गरीबी और भुखमरी की मार झेल रहे पाकिस्तान पर एक और बड़ा मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब पाकिस्तानियों के पीछे एक ऐसे वायरस पड़ गया है, जो उन्हें अपने पैरों पर खड़ा नहीं होने देना चाहता है। यह वायरस पाकिस्तानियों को पैर से विक्लांग बना दे रहा है। अब सुनकर चौंक रहे होंगे। मगर ये सच है।
बता दें कि पाकिस्तान में पोलियो ने फिर तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। इस बार यहां फिर पोलियो के कम से कम चार नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही इस साल सामने आए मामलों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। सामने आए चार नए मामलों में से तीन सिंध प्रांत से तथा एक खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ‘‘इस साल अब तक बलूचिस्तान से 16, सिंध से 10, खैबर पख्तूनख्वा से चार और पंजाब तथा इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आए हैं।
पाकिस्तान के कई राज्यों में फैला वायरस
वर्तमान में सात क्षेत्रों में से केवल दो यानी पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान ही पोलियो मुक्त हैं। संक्रमण चार प्रांतों और देश की राजधानी सहित पांच क्षेत्रों तक पहुंच चुका है।’’ ‘डॉन’ अखबार की खबर में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस साल सितंबर में एक राष्ट्रव्यापी अभियान के दौरान पांच साल से कम उम्र के लगभग 3.3 करोड़ बच्चों को टीका लगाया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘अभियान के परिणामों का आकलन करने और जिन क्षेत्र में कमियों को सुधारना है उनकी पहचान के लिए व्यापक मूल्यांकन किया गया। एक समीक्षा बैठक में प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
इस बैठक में अभियान की सफलताओं और चुनौतियों के साथ-साथ भविष्य के टीकाकरण प्रयासों की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सितंबर का अभियान देश के पोलियो उन्मूलन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। कई चुनौतियों के बावजूद, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों सहित बड़ी संख्या में बच्चों तक पहुंच बनाने में सफलता मिली।’’ इसके साथ ही, 28 अक्टूबर से दूसरा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दुनिया के ऐसे देश हैं, जहां पोलियो अब भी महामारी बना हुआ है। (भाषा)