इस्लामाबाद/दुबई: पाकिस्तान में गरीबी बड़ी समस्या है। महंगाई की मार के चलते लोग तंगहाल हैं। पाकिस्तान ने मान लिया है कि वो दूसरे मुल्कों से भीख मांगने में उसने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जो कहा है उसपर ध्यान देना बेहद जरूरी है। शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि ''वो दिन अब गए'' जब नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के अधिकारी अपने आर्थिक संकट से निपटने के लिए ‘भीख का कटोरा’ लेकर मित्र देश जाते थे। पाकिस्तान के अधिकारी अब ‘भीख का कटोरा’ लेकर मित्र देश नहीं जाएंगे। प्रधानमंत्री शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक दिन की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की।
'तोड़ दिया है कटोरा'
पाकिस्तान और यूएई के बीच लंबे समय से धार्मिक-सांस्कृतिक समानता पर आधारित भाईचारे वाले संबंध हैं। ‘जियो न्यूज’ ने शरीफ के हवाले से कहा, ‘‘वे दिन गए जब मैं अपने मित्र देशों में भीख का कटोरा लेकर जाता था। मैंने वह कटोरा तोड़ दिया है।’’ संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्यारे भाई, आपने अपने महान पिता की तरह एक भाई की तरह परिवार के सदस्य की तरह पाकिस्तान का समर्थन किया है।’’ हालांकि, इस कार्यक्रम में यूएई के राष्ट्रपति मौजूद नहीं थे।
पीएम शरीफ ने इस बात पर दिया जोर
पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, ‘‘लेकिन आज मैं यहां इस महान देश में हूं, इस भाईचारे वाले महान देश में ऋण मांगने के लिए नहीं बल्कि संयुक्त सहयोग, संयुक्त निवेश की तलाश में हूं।’’ शरीफ ने कहा कि इन सहयोगों से निवेशकों को पारस्परिक लाभ होगा। कड़ी मेहनत, आधुनिक उपकरणों और कौशल के माध्यम से लाभांश प्राप्त किया जाएगा। पाकिस्तान की आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से, यानी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए आईटी कौशल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर पीएम शरीफ ने बल दिया। शरीफ ने अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने के लिए यूएई और पाकिस्तान की कंपनियों के बीच सहयोग की सराहना भी की। (भाषा)
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