
भारत और श्रीलंका ने पहली बार सैन्य क्षेत्र में गहन सहयोग के लिए एक ढांचे को संस्थागत बनाने के संबंध में शनिवार को एक प्रमुख रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की सुरक्षा एक दूसरे से जुड़ी हुई है और एक दूसरे पर निर्भर है। प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने कुल सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने तथा पावर ग्रिड कनेक्टिविटी पर एक समझौता शामिल है। बैठक में प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच मछुआरों के विवादास्पद मुद्दे को मानवीय दृष्टिकोण से सुलझाने की वकालत की और उम्मीद जताई कि श्रीलंका तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और प्रांतीय परिषद के चुनाव कराएगा।
भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौते पर हुआ हस्ताक्षर
पीएम मोदी ने घोषणा की कि श्रीलंका के पूर्वी प्रांतों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए लगभग 2.4 अरब लंकाई रुपए का सहायता पैकेज प्रदान किया जाएगा। मोदी-दिसानायके वार्ता में 10 से अधिक ठोस परिणाम सामने आए, रक्षा समझौते को रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह समझौता श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा सेना के हस्तक्षेप के लगभग 35 साल बाद हुआ है। दिसानायके ने अपने वक्तव्य में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया है कि श्रीलंका अपने भूभाग का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत के सुरक्षा हितों के प्रतिकूल कदमों के लिए नहीं होने देगा।
पीएम मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भी डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। मोदी ने कहा, ‘‘सामपुर सौर ऊर्जा संयंत्र श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा के लिए सहायक होगा। बहु-उत्पाद पाइपलाइन के निर्माण और त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए किए गए समझौतों से श्रीलंका के सभी लोगों को लाभ मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ग्रिड अंतर-संपर्क समझौते से श्रीलंका के लिए बिजली निर्यात के विकल्प खुलेंगे। मोदी ने कहा कि भारत श्रीलंका की विशिष्ट डिजिटल पहचान परियोजना के लिए भी सहायता प्रदान करेगा।
'भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है'
पीएम मोदी ने कहा, "हमारा द्विपक्षीय ‘ऋण पुनर्गठन समझौता’ श्रीलंका के लोगों को तत्काल सहायता और राहत प्रदान करेगा। आज हमने ब्याज दरें कम करने का भी फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह इस बात का प्रतीक है कि आज भी भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है।’’ प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों के बारे में भी बात की। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि मेरे गृह राज्य गुजरात के अरावली क्षेत्र में 1960 में मिले भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को प्रदर्शनी के लिए श्रीलंका भेजा जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत त्रिंकोमाली में थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में सहायता करेगा। भारत अनुराधापुरा महाबोधि मंदिर परिसर में पवित्र शहर और नुवारा एलिया में सीता एलिया मंदिर के निर्माण में भी सहायता प्रदान करेगा।’’ मोदी बैंकॉक की यात्रा के बाद शुक्रवार शाम कोलंबो पहुंचे थे। उन्होंने बैंकॉक में बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।
(इनपुट-भाषा)