प्रधानमंत्री मोदी अगले सप्ताह इंडोनेशिया में होने वाले आसियान(ASEAN) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जाएंगे। पूर्वी एशिया शिखर बैठक में प्रधानमंत्री की इंडोनेशिया यात्रा इस साल भारत की अध्यक्षता में 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6-7 सितंबर को 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर इंडोनेशिया जाएंगे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर पीएम मोदी जकार्ता में रहेंगे। इंडोनेशिया जी20 'ट्रोइका' का हिस्सा है, क्योंकि पिछले साल इस समूह की अध्यक्षता उसके पास थी। वर्ष 2022 में भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के समूह के संगठनों के बीच संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के बाद वर्ष 2023 का यह पहला शिखर सम्मेलन होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि शिखर सम्मेलन भारत-आसियान संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेगा और सहयोग की भविष्य की दिशा तय करेगा। इसलिए भारत के लिए आशियान सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण है।
क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर होगा फोकस
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन आसियान देशों के नेताओं और भारत सहित इसके आठ संवाद भागीदारों को क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा। इससे पहले अगस्त में आसियान- भारत के आर्थिक मंत्रियों की इंडोनेशिया में बैठक हुई और इस साल की बैठक का मुख्य एजेंडा आसियान-भारत माल व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) की समय पर समीक्षा करना था, जिस पर 2009 में हस्ताक्षर किए गए थे। इस दौरान एक संयुक्त समिति वार्ता के नियमित, त्रैमासिक कार्यक्रम पर सहमत बनी थी जो 2025 में आसियान-भारत एफटीए की समीक्षा को समाप्त करेगी। वहीं वर्ष 2018 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति विडोडो के निमंत्रण पर जकार्ता का दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान दोनों नेता इंडोनेशिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नए युग में ले जाने के लिए एक नई व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करके सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए थे।
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