दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी ने हिंसा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अटूट रुख को फिर दोहराया है। उन्होंने इज़रायल-हमास युद्ध में नागरिकों की मौत की निंदा की और संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में बढ़ती चुनौतियों के सामने वैश्विक दक्षिण के बीच एकता और सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमले की फिर निंदा की। साथ ही संघर्ष समाधान की आधारशिला के रूप में संयम बरतने और बातचीत को प्राथमिकता देने के महत्व को रेखांकित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा- कि यही वह समय है जब ग्लोबल साउथ को एकजुट होने का वक्त है।
पीएम मोदी ने कहा, "हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। भारत ने 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। साथ ही "हमने भी संयम बरता है। हमने बातचीत और कूटनीति पर ज़ोर दिया है। हम इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की भी कड़ी निंदा करते हैं। "फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद हमने फ़िलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भी भेजी है।
ग्लोबल साउथ के एकजुट होने का वक्त
पीएम मोदी ने कहा कि यह वह समय है जब ग्लोबल साउथ के देशों को व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एकजुट होना चाहिए। बता दें कि ग्लोबल साउथ उन देशों के एक समूह को संदर्भित करता है, जो मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हैं, जहां आर्थिक विकास के विभिन्न स्तर हैं। हालांकि इन देशों की विशेषताएं समान नहीं हैं, फिर भी वे अक्सर गरीबी, असमानता और संसाधनों तक सीमित पहुंच जैसी आम चुनौतियों से जूझते हैं।
गाजा में हुई अब तक 11 हजार से ज्यादा मौतें
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी समूह हमास द्वारा इजरायल पर किए गए सनसनीखेज ज़मीनी-समुद्री-हवाई हमले में 1,200 से अधिक इजरायली मारे गए थे। जवाबी कार्रवाई में हमास के गढ़ गाजा पट्टी पर इजरायल ने हवाई हमले को जारी रखा है। साथ ही अब जमीनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इजरायली सेना की कार्रवाई में अब तक गाजा में 11,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इनमें काफी संख्या में सामान्य नागरिक हैं। प्रधानमंत्री ने नागरिकों की मौत की निंदा की है।
पीएम मोदी का मंत्र-5सी
प्रधानमंत्री ने 'पांच सी' सिद्धांतों द्वारा निर्देशित एक सहयोगात्मक रणनीति की वकालत की। इसमें परामर्श, संचार, सहयोग, रचनात्मकता और क्षमता निर्माण शामिल है। पीएम मोदी ने कहा, ''मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता, जब भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को G20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।'' 2023 में भारत की G20 की अध्यक्षता इस प्रतिष्ठित समूह के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का गवाह बनी। यह आयोजन 1999 में अपनी स्थापना के बाद से जी20 के पहले विस्तार को चिह्नित करता है, जिसने समावेशी वैश्विक आर्थिक शासन के एक नए युग की शुरुआत की है।
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