Highlights
- जापान के टोक्यो में QUAD समिट की तीसरी बैठक
- पीएम मोदी ने कहा दोस्तों के बीच होना मेरे लिए खुशी की बात
- क्वॉड का स्वरूप और प्रभावी हुआ है: पीएम मोदी
PM Modi Japan: जापान के टोक्यो में QUAD समिट की तीसरी बैठक में पीएम मोदी ने कहा दोस्तों के बीच होना मेरे लिए खुशी की बात है। पीएम मोदी ने कहा- ' इतने कम समय में 'क्वाड' समूह ने विश्वव स्तर पर एक महत्तवपूर्ण स्थान बना लिया है। आज 'क्वाड' का दायरा व्यापक हो गया है और स्वरूप प्रभावी हो गया है। हमारा आपसी विश्वास, दृढ़ संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है।' क्वॉड के तीसरी बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शामिल हुए हैं।
समिट के आयोजन स्थल पर जापानी पीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी की
पीएम मोदी जापान और ऑस्ट्रेलिया के पीएम से अलग से मुलाकात करेंगे। टोक्यो में क्वाड लीडर्स समिट के आयोजन स्थल पर जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी की। क्वॉड समिट के लिए जापान गए पीएम मोदी पहले दिन भारतीय समुदाय के लोगों से मिले। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए चुनौतियों का जिक्र किया और कहा कि मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता, मैं पत्थर पर लकीर खींचता हूं। पीएम ने कहा कि इस दशक के अंत तक भारत अपनी कुल पावर क्षमता का 50% नॉन फॉसिल फ्यूल से पूरा करने का संकल्प लिया है। पीएम ने कहा कि समस्याओं के समाधन को लेकर जो भारतीयों का आत्मविश्वास है, वो हर क्षेत्र, हर दिशा, हर कदम पर दिखाई देता है।
भारत और जापान नैसर्गिक सहयोगी हैं: पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि- ‘‘भारत और जापान नैसर्गिक सहयोगी हैं। भारत की विकास यात्रा में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है।’’ मोदी ने भारत के क्षमता निर्माण में जापान को एक अहम भागीदार बताया। उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा हो, समर्पित माल गलियारा हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं।
हम आत्मनिर्भर भारत के समाधान के साथ आगे बढ़ रहे हैं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘पिछले दो वर्षो में जिस तरह से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई, आपूर्ति श्रृंखला पर प्रश्न चिन्ह उठा, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिये हम आत्मनिर्भर भारत के समाधान के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत का हमारा समाधान केवल भारत के लिये ही नहीं है बल्कि यह स्थिर एवं टिकाऊ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिये है। ’’