Highlights
- दोनों देशों के बीच युद्ध में शुक्रवार को गई 24 नागरिकों की जान
- दोनों देशों के बीच बनेगा संयुक्त निगरानी समूह
- पीएम मोदी ने एससीओ समिट में कहा था- यह युग युद्ध करने का नहीं
Kyrgyzstan - Tajikistan War: उज्बेकिस्तान के एससीओ शिखर सम्मेलन में एक दिन पहले पीएम मोदी की ओर से दुनिया के देशों को दी गई युद्ध समाप्त करने की सलाह का असर दिखने के लगा है। खबर है कि किर्गिस्तान और तजाकिस्तान के सुरक्षा प्रमुखों ने दोनों देशों के बीच सीमा पर लड़ाई को रोकने के लिए शनिवार को बातचीत की है। किर्गिज सीमा सेवा ने वार्ता के नए दौर की घोषणा की है। इससे लंबे समय से दोनों देशों के बीच चले आ रहे युद्ध के टलने की संभावना बढ़ गई है।
हालांकि, दोनों पूर्व-सोवियत राष्ट्रों ने गोलाबारी के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया है। रात भर के संक्षिप्त विराम के बाद दोनों देशों के बीच शनिवार की सुबह फिर से गोलीबारी शुरू हुई। किसी स्पष्ट या सार्वजनिक रूप से घोषित कारण के बिना बुधवार से शुरू हुई लड़ाई शुक्रवार को तेज हो गई। किर्गिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार तड़के कहा कि संघर्ष में मारे गए 24 लोगों के शवों को तजाकिस्तान की सीमा से लगे बाटकेन क्षेत्र के अस्पतालों में पहुंचाया गया।
युद्ध के बीच वार्ता से आएगी शांति
मंत्रालय ने कहा कि किर्गिस्तान के अस्पतालों और क्लीनिकों में भी गोलाबारी में घायल हुए 103 लोगों का उपचार हुआ। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या तजाकिस्तान की ओर से कोई हताहत हुआ था या नहीं। ताजिक अधिकारियों ने, हालांकि किर्गिज सुरक्षा बलों पर एक मस्जिद को नष्ट करने और आवासीय भवनों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने का आरोप लगाया। तजाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि किर्गिस्तान ‘‘उकसावे वाली कार्रवाई के तहत’’ सीमा के पास सैनिकों और सैन्य उपकरणों को इकट्ठा कर रहा था। हालांकि दोनों देश अब युद्ध रोकना चाहते हैं। पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में साफ कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है। इससे सभी देशों को बचना चाहिए। उसके बाद दोनों देशों में युद्ध टालने की यह पहल की जा रही है।
दोनों देशों के बीच बनेगा संयुक्त निगरानी समूह
हालांकि, यह भी स्पष्ट नहीं है कि सोवियत मध्य एशियाई पड़ोसियों के बीच सीमा पर तनावपूर्ण लड़ाई किस वजह से हुई। शुक्रवार दोपहर को संघर्ष विराम स्थापित करने का प्रयास विफल रहा और दिन में बाद में गोलाबारी फिर से शुरू हो गई। किर्गिस्तान के आपात मंत्रालय ने कहा कि लड़ाई से घिरे इलाके से 136,000 लोगों को बाहर निकाला गया है। दोनों देशों के सीमा रक्षक प्रमुखों ने लगभग आधी रात को मुलाकात की और शत्रुता को समाप्त करने में मदद करने के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह बनाने पर सहमति व्यक्त की। उम्मीद है कि जल्द दोनों देशों के बीच चल रहा युद्ध समाप्त हो जाएगा।