Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. फिलीपींस ने कर दिया "भारत के साथ मजबूत रक्षा गठजोड़" का ऐलान, बिलबिला उठा चीन

फिलीपींस ने कर दिया "भारत के साथ मजबूत रक्षा गठजोड़" का ऐलान, बिलबिला उठा चीन

भारत और फिलीपींस के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी से चीन में चिंता छाने लगी है। दरअसल चीन अभी तक दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस से लेकर वियतनाम, ब्रुनेई, ताईवान, मलेशिया जैसे देशों पर दादागिरी दिखाता रहा है। वियतनाम को हाल ही में भारत ने युद्धपोत गिफ्ट में दिया है। अब फिलीपींस से रक्षा गठबंधन ने चीन में खलबली मचा दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 28, 2023 16:03 IST, Updated : Jun 28, 2023 16:04 IST
फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो
Image Source : FILE फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो

फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक ए मनालो मंगलवार से ही भारत के दौरे पर हैं। आज उन्होंने भारत के साथ ‘काफी मजबूत’ रक्षा गठजोड़ विकसित करने का ऐलान किया है। इससे चीन बिलबिला उठा है। दरअसल फिलीपींस चीन का दुश्मन है और वह भारत के सहयोग से अपनी सुरक्षा को चाक-चौबंद करना चाहता है। फिलीपींस भारत से सैन्य उपकरण खरीदने को ले कर भी आशान्वित है। फिलिपीन के विदेश मंत्री मनालो का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है।

मनालो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक से पहले यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में अपने देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में चीनी मौजूदगी को बार-बार चुनौती देता रहा है और आगे भी ऐसा करेगा। भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आए मनालो ने कहा कि आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) के 10 देश और चीन दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता तैयार करने में जुटे हुए हैं, लेकिन वे इसके सकारात्मक परिणाम को लेकर निश्चित नहीं हैं। विश्व मामलों पर भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) के व्याख्यान कार्यक्रम में अपने संबोधन में फिलीपींस के विदेश मंत्री ने कहा कि इस संहिता को तैयार करने का मकसद दक्षिण चीन सागर में किसी भी तरह के सैन्य संघर्ष को रोकना है।

दक्षिण चीन सागर में इन देशों की ड्रैगन से है दुश्मनी

ज्ञात हो कि दक्षिण चीन सागर ऐसा क्षेत्र है जहां पर चीन, ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई जैसे देशों की ओर से क्षेत्र को लेकर अपने अपने दावे सामने आते रहे हैं। मनालो ने कहा, ‘‘ हम सुरंग को देख रहे हैं, लेकिन हमें सुरंग के अंत में रौशनी की किरण नहीं दिखाई दे रही है।’’ भारत को फिलीपींस का महत्वपूर्ण सहयोगी करार देते हुए मनालो ने कहा कि मनीला नौवहन सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और जलवायु प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना चाहता है। गौरतलब है कि भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा एवं सुरक्षा संबंध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष जनवरी में फिलीपींस ने भारत के साथ ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की तीन इकाई की खरीद के लिए 37.5 करोड़ डालर का समझौता किया था।

भारत से सैन्य उपकरण खरीदेगा फिलीपींस

भारत से सैन्य उपकरण खरीद के बारे में एक सवाल के जवाब में फिलिपीन के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम भारत के साथ काफी मजबूत रक्षा सहयोग व्यवस्था विकसित करना चाहते हैं। हम कुछ संभावित सौदों को लेकर आगे बढ़े हैं और मैं समझता हूं कि हम आगे और सौदों को लेकर आशान्वित हैं।’’ मनालो ने कहा, ‘‘ हम भारत के साथ अपने संबंधों में रक्षा गठजोड़ को निश्चित तौर पर एक उज्जवल आयाम मानते हैं। मैं दूर भविष्य की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि निकट के संदर्भ में कह रहा हूं ।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ उनके देश के संबंधों में सबसे बड़ी चुनौती फिलीपींस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में चीन की मौजूदगी है।  विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने नियमित आधार पर चीन के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं लेकिन इसके साथ हम यह भी कहना चाहते हैं कि ये मतभेद ही चीन के साथ हमारे संबंधों का निचोड़ नहीं हैं । चीन के साथ हमारे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सम्पर्क हैं।’

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement