Petrol Price in Pakistan : पाकिस्तान में जनता महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है। खाने पीने की चीजों के दामों से लेकर रसोई गैस और पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं। लेकिन चुनाव से पहले सरकार ने एक बार फिर आम आदमी की जेब पर 'डाका' डाल दिया है। 8 फरवरी को चुनाव से पहले पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल की कीमतें बढ़ा दी हैं। पहले से ही महंगे पेट्रोल से परेशान आम लोगों पर पेट्रेाल की बढ़ी कीमतें 'पेट्रोल बम' की तरह हैं।
पाकिस्तान में अंतरिम सरकार ने आम जनता पर 'पेट्रोल बम' फोड़ दिया है। बुधवार को पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 13.55 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। प्रति लीटर इस कीमत में बढ़ोतरी के बाद अब पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 272.89 हो गई है। इससे पहले यह कीमत 259.34 रुपए प्रति लीटर थी। वहीं हाई स्पीड डीजल यानी 'एचएसडी' की बात की जाए तो यह बढ़ोतरी 2.75 रुपए की हुई है। इसी के साथ एचएसडी के दाम अब 278.96 पहुंच गए हैं।
कीमत में बढ़ोतरी पहले से ज्यादा
हालांकि नए नोटिफिकेशन में लाइट डीजल, आइल, केरोसिन तेल की कितनी कीमत बढ़ी हैं, इसके बारे जानकारी नहीं दी गई हैं। पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी पहले की अपेक्षा से ज्यादा है। उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों और आयात प्रीमियम के कारण अगले पखवाड़े में पेट्रोल और एचएसडी की कीमतें 5-9 रुपए प्रति लीटर बढ़ने का अनुमान लगाया गया था।
पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ी कीमत
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने कहा था कि पिछले एक पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय बाजार में दोनों प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ी है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में बढ़त के बावजूद पाकिस्तान स्टेट ऑयल (PSO) को भी अधिक आयात प्रीमियम का भुगतान करना पड़ा है। इस कारण एचएसडी की कीमत 4-6 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत 6.5 से 9 रुपए प्रति लीटर बढ़ने की उम्मीद थी। हालांकि केरोसिन और एलडीओ की कीमतें अभी भी अपरिवर्तित रहने की उम्मीद है।
महंगाई से त्रस्त है आम जनता
पाकिस्तान की जनता पहले ही महंगाई से त्रस्त है। आटे दाल के भाव इतने ज्यादा हैं कि लोगों का जीना दूभर हो गया है। वहीं बिजली के दाम भी बड़े हाई हैं। आम जनता जहां महंगाई की चक्की में पिस रही है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के नेताओं और सेना पर जब तब भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। कई नेताओं को सजाएं भी हुई हैं। इन सबके बीच पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में महंगाई की मार से त्रस्त आम जनता नई सरकार के रूप में किसे चुनती है, यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।