South Korea: दक्षिण कोरिया में समुद्री नमक को खरीदने के लिए लोगों में होड़ मची हुई हैै। बड़ी संख्या में लोग दक्षिण कोरिया का समुद्री नमक खरीदने की जुगत में लगे हुए हैं। दरअसल, इसके पीछे कारण यह है कि जापान जो कि साउथ कोरिया से अपनी समुद्री सीमाएं साझा करता है, उसने निष्क्रिय परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 10 लाख मिट्रिक टन ट्रीटेड रेडियोऐक्टिव पानी समुद्र में फेंकने की घोषणा की है। इस पानी का इस्तेमाल संयंत्र में क्षतिग्रस्त रिऐक्टर्स को ठंडा रखने के लिए होता था।
दक्षिण कोरियाई दुकानदार समुद्री नमक और अन्य सामान खरीद रहे हैं क्योंकि जापान में एक क्षतिग्रस्त परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 1 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक ट्रीटेड रेडियोधर्मी पानी समुद्र में फेंके जाने के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। समुद्री नमक और समुद्री जीवों के खाने पर कोरिया ने प्रतिबंध लगाया है।
2011 में भूकंप और सुनामी की चपेट में आने के बाद पानी का उपयोग मुख्य रूप से टोक्यो के उत्तर में फुकुशिमा बिजली संयंत्र में क्षतिग्रस्त रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए किया गया था। प्रशांत क्षेत्र में विशाल टैंकों से पानी जल्द ही छोड़े जाने की उम्मीद है, हालांकि कोई तारीख तय नहीं की गई है। हालांकि जापान ने बार.बार आश्वासन दिया है कि पानी सुरक्षित है। इसे लेकर कई दावे भी कर रहा है।
हालांकि इसमें ट्रिटियम के निशान हैं, जो हाइड्रोजन का एक आइसोटोप है जिसे पानी से अलग करना मुश्किल है। लेकिन जापान और पूरे क्षेत्र में मछुआरे और दुकानदार डरे हुए हैं।कोरियाई महिला यंग मिन ने मीडिया को बताया कि हाल ही में उन्होंने 5 किलोग्राम नमक खरीदा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी इतनी मात्रा में नमक नहीं खरीदना पड़ा। इससे पहले की स्टॉक् खत्म हो जाए। लोग नमक खरीदने की जुगत में हैं।
जून में दक्षिण कोरिया में नमक की कीमत दो महीने पहले की तुलना में लगभग 27 प्रतिशत बढ़ गई है। इसमें स्टॉक की हड़बड़ी का योगदान रहा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए मौसम और कम उत्पादन भी जिम्मेदार है।