पेंटागन ने अभी हाल में ही अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए परमाणु हथियारों को लेकर चिंता जताई है। पेंटागन ने अपने रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा है कि चीन के पास अभी 400 न्यूक्लियर बम हैं और वह 2035 तक कम से कम 1500 न्यूक्लियर बम बना लेगा। पेंटागन ने यह भी कहा है कि चीन अपनी न्यूक्लियर पावर बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। चीन ऐसा इसलिए भी कर रहा है क्यों कि वह दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता है और अमेरिका को चुनौती देना चाहता है।
परमाणु हथियारों का कर रहा है तेजी से विस्तार
साल 2020 में अमेरिका ने यह अनुमान लगाया था कि चीन के परमाणु हथियारों की संख्या 200 से कुछ ही ज्यादा होगी और अगले एक दशक में इसकी संख्या बढ़कर लगभग दोगुना हो जाएगा। लेकिन वर्ष 2022 में ही चीन ने इस मुकाम को हासिल कर के दिखाया है। अब अमेरिका के लिए यह चुनौती भरा कदम होगा कि अगर चीन इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा और परमाणु हथियार बनाता रहा तो 2035 तक वह करीब 1500 परमाणु हथियार बना लेगा।
चीन दे रहा अमेरिका को चुनौती
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन जल,थल और वायु तीनों क्षेत्रों में परमाणु हथियारों पर निवेश कर अमेरिका की चिंता को बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 में चीन ने 135 बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट भी किए हैं। इतना टेस्ट पूरी दुनिया के देशों ने भी नहीं किया है। वहीं इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन स्पेस और काउंटर स्पेस हथियार भी विकसित कर रही है। इसके लिए चीन ने अपनी अलग से 10 लाख की स्थायी सैनिकों की सेना खड़ी कर चुकी है। हाजों की संख्या के आधार पर सबसे बड़ी नौसेना और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वायु सेना है। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए चीन अमेरिका के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनता जा रहा है और पेंटागन के नेता अक्सर अपनी चिंता जाहिर करते रहते हैं।