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थाईलैंड में संसद भंग, मई महीने में होंगे चुनाव, क्या कम होगा सेना का प्रभाव?

हफ्तों से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे। इसके बाद सोमवार को थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा ने संसद भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने उनका यह प्रस्ताव खारिज कर दिया है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: March 20, 2023 20:27 IST
थाईलैंड में संसद भंग, मई महीने में होंगे चुनाव, क्या कम होगा सेना का प्रभाव?- India TV Hindi
Image Source : AP FILE थाईलैंड में संसद भंग, मई महीने में होंगे चुनाव, क्या कम होगा सेना का प्रभाव?

बैंकाक: थाईलैंड की संसद भंग कर दी गई है। आम चुनाव मई में होंगे थाइलैंड में एक सरकारी फरमान से सोमवार को संसद भंग कर दी गई और इसके साथ ही मई में आम चुनाव के लिए आधार तैयार हो गया है। संसद भंग किए जाने को राजनीति में सेना के प्रभाव को कम करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। 

प्रतिनिधि सभा के चार साल के कार्यकाल की समाप्ति से कुछ दिन पहले संसद भंग करने की शुरुआत प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा द्वारा की गई, जो सात मई के लिए अनंतिम रूप से निर्धारित चुनाव में नए जनादेश की मांग कर रहे हैं। लोकप्रिय अरबपति थाकसिन शिनावात्रा द्वारा समर्थित लोकप्रिय विपक्षी फीयू थाईलैंड पार्टी, रूढ़िवादी प्रतिष्ठान का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टियों के खिलाफ सेना से निकटता से जुड़ी हुई है। संसद का कार्यकाल समाप्त होने से पहले उसे भंग करने से सांसदों को चुनाव से ठीक 30 दिन पहले पार्टी की संबद्धता बदलने की अनुमति मिलती है। 

दरअसल, हफ्तों से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे। इसके बाद सोमवार को थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा ने संसद भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने उनका यह प्रस्ताव खारिज कर दिया है।

प्रदर्शनकारियों को पता है कि यदि नए सिरे से चुनाव होते हैं तो शिनवात्रा का दोबारा सत्ता में आना लगभग तय है। वर्ष 2011 में हुए चुनाव में उन्हें भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी। उन्हें देश के गरीब तबके का भरपूर समर्थन प्राप्त है। उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन पिछले महीने उस समय शुरू हुए, जब संसद में एक विधेयक लाया गया, जिसके पारित होने पर उनके भाई तकसीन शिनवात्रा का बिना सजा काटे देश में आना संभव हो पाता।

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