इस्लामाबाद: पाकिस्तानी अधिकारियों ने सिंध प्रांत में रह रहे 190 हिंदुओं को भारत जाने से रोक दिया है। इसके पीछे की वजह ये है कि ये लोग पड़ोसी देश की अपनी यात्रा के मकसद को लेकर कथित तौर पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, सिंध के कई हिस्सों से बच्चों और महिलाओं सहित विभिन्न हिंदू परिवार मंगलवार को वाघा बॉर्डर पहुंचे थे। उनके पास वीजा था और वे तीर्थयात्रा के लिए भारत जाना चाहते थे।
भारत जाने की वजह नहीं बता पाए हिंदू
पाकिस्तान के आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें मंजूरी नहीं दी क्योंकि वे उचित कारण नहीं बता सके कि वे भारत क्यों जाना चाहते हैं। खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि हिंदू परिवार अक्सर धार्मिक तीर्थयात्रा के नाम पर वीजा लेते हैं और फिर लंबे समय तक भारत में रुक जाते हैं। अभी राजस्थान और दिल्ली में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिंदू खानाबदोश की तरह रह रहे हैं।
‘सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की आबादी 22,10,566 है, जो देश की कुल रजिस्टर्ड आबादी का 1.18 प्रतिशत है। पाकिस्तान की रजिस्टर्ड आबादी 18,68,90,601 है। पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू आबादी गरीब है और देश की विधायी व्यवस्था में उनका प्रतिनिधित्व जीरो है। अधिकतर हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसती है, जहां मुस्लिम निवासियों के साथ उनकी संस्कृति, परंपराएं और भाषा मेल खाती हैं। वे अकसर चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायत भी करते हैं।
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