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भगत सिंह को आतंकी कहने पर भड़का पाकिस्तानी वकील, पाक सैन्य अफसर को भेजा 50 करोड़ का नोटिस

पाकिस्तान के एक वकील ने पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत्त अफसर द्वारा स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह को आतंकी कहने पर 50 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 09, 2025 14:10 IST, Updated : Jan 09, 2025 14:14 IST
सरदार भगत सिंह, आजादी के नायक। (फाइल)
Image Source : INTERNET सरदार भगत सिंह, आजादी के नायक। (फाइल)

लाहौर: भारत की आजादी के नायक सरदार भगत सिंह को आतंकी कहने पर पाकिस्तानी के वकील ने एक पाक सैन्य अफसर को 50 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है। लाहौर की एक गैर-लाभकारी संस्था के अध्यक्ष ने बुधवार को एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को "अपराधी" करार देने के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। साथ ही उन्होंने अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजकर 50 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है।

यह कानूनी नोटिस लाहौर मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एवं पाकिस्तान सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त अधिकारी तारिक मजीद को अधिवक्ता खालिद जमा खान के माध्यम से भेजा गया है। मजीद ने भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी पर विदेशी अनुदान लेने का आरोप लगाया है तथा महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को "अपराधी" कहा है। नोटिस में कहा गया है, ‘‘मेरे मुवक्किल (भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी) एक देशभक्त हैं और देश व इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं। और अपनी क्षमता के अनुसार जीवन व्यतीत कर रहे हैं तथा उन्होंने पाकिस्तान या विदेश में किसी भी व्यक्ति या समूह से एक भी पैसा नहीं लिया है।’’

पाकिस्तानी वकील ने नोटिस में क्या लिखा?

पाक सैन्य अफसर को भेजे गए नोटिस में वकील ने कहा है कि उनके मुवक्किल (कुरैशी) का उद्देश्य आम आदमी की बेहतरी के लिए लड़ना और पाकिस्तान और भारत को करीब लाना है। ताकि आम लोगों को फायदा हो सके। नोटिस में भगत सिंह के बारे में कहा गया है: ‘‘राष्ट्रपिता कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना ने 12.09.1929 को सेंट्रल असेंबली दिल्ली में भगत सिंह की सराहना की थी.।’’ कुरैशी ने कहा कि मजीद ने नवंबर में लाहौर उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में ‘‘अत्यंत भद्दी और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था।’’ 

94 साल पहले भगत सिंह को हुई थी फांसी

नवंबर में जिला प्रशासन ने लाहौर उच्च न्यायालय को बताया कि कमोडोर (सेवानिवृत्त) मजीद द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में उसने लाहौर के शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना को रद्द कर दिया है, जहां उन्हें लगभग 94 साल पहले फांसी दी गई थी। अपनी रिपोर्ट में मजीद ने दावा किया कि सिंह ‘‘ क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक अपराधी थे। आज की भाषा में वह एक आतंकवादी थे जिन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की और इस अपराध के लिए उन्हें दो साथियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया।’’ मजीद ने कुरैशी पर विदेशी धन लेने का भी आरोप लगाया था और उनकी आस्था पर भी सवाल उठाए थे। नौ जनवरी (भाषा) 

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