Highlights
- कश्मीर मामले पर पाकिस्तान की मांग को यूएन ने किया खारिज
- संयुक्त राष्ट्र के महासचिव गुटरेस ने कहा कि ये द्विपक्षीय मामला
- बाढ़ से संभल नहीं पा रहा पाकिस्तान, लेकिन अब भी उसे सता रहा कश्मीर जाने का दर्द
Kashmir Issue: कश्मीर मसले को लेकर पाकिस्तान हर बार संयुक्त राष्ट्र के सामने बेइज्जत होता रहा है, लेकिन वह अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने इस बार फिर से संयुक्त राष्ट्र के सामने कश्मरी का राग अलापा तो उसे इतना खरा जवाब मिला कि जिसकी उसने उम्मीद भी नहीं की रही होगी। दरअसल पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर मसले पर हस्तक्षेप की मांग कर रहा था। मगर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कह दिया कि कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच का द्विपक्षीय मामला है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।
गुटरेस ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर विवाद में मध्यस्थता की पेशकश कर रहा है, लेकिन भारत ने इससे इनकार कर दिया है। भारत पहले भी इसे द्विपक्षीय मामला मानता रहा है। इसलिए इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप का मामला नहीं बनता। दोनों देशों को आपस में बातचीत करके ही मामले को सुलझाना चाहिए।
बाढ़ से बर्बाद पाकिस्तान को अब भी कश्मीर की चिंता
पाकिस्तान बाढ़ की बर्बादी से कराह रहा है। उसे बाढ़ में जान गंवा रहे और परेशान हो रहे अपने लोगों की चिंता नहीं है। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के सामने पाक ने यह मुद्दा तब उठाया जब वह बाढ़ पीड़ितों के साथ 'एकजुटता' दिखाने के लिए पाकिस्तान के दौरे पर आए थे। गुटेरेस ने कहा कि मानवाधिकारों के सम्मान को लेकर पुष्टि में भी हम बहुत सक्रिय रहे हैं। इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा मध्यस्थता के लिए अपने अच्छे पदों की पेशकश कर रहे हैं।
गुटरेस ने कहा बंद करो पागलपन
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से मैं एक वैश्विक अपील जारी कर रहा हूं ...पागलपन बंद करो, प्रकृति के साथ युद्ध समाप्त करो, अब नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करो। संयुक्त राष्ट्र प्रतिलेख के अनुसार कहा, "लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय पक्ष का मानना है कि यह एक द्विपक्षीय मामला है जिसे केवल पाकिस्तान और भारत द्वारा हल किया जाना है, और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता को अब तक स्वीकार नहीं किया गया है।" इस लिए कश्मीर मामले पर दोनों दोशों को आपस में ही बातचीत करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तान के लिए 160 मिलियन डालर की फ्लैश अपील जारी की है। ताकि वह बाढ़ से निपट सके। गुरुवार तक उसे 20 मिलियन डॉलर की राशि प्राप्त हो चुकी है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बौखलाया है पाकिस्तान
पाकिस्तान का दर्द कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही बढ़ गया है। वह बार-बार दुनिया के सामने कश्मीर का रोना रोता रहा है। जबकि कश्मीर भारत का है। भारत ने इसीलिए अब वहां से विशेष प्रावधान को हटाते हुए अन्य भारतीय राज्यों की तरह वाले नियम-कानूनों को लागू कर दिया है। पीएम मोदी ने पूरी दुनिया के सामने कह दिया था कि कश्मीर मामले पर किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप अस्वीकार्य होगा। क्योंकि वह उसका निजी मामला है। इसीलिए पाकिस्तान को कोई भी देश भाव नहीं दे रहा। जबकि पाकिस्तान इस मामले में अमेरिका से भी हस्तक्षेप करने की मांग कर चुका है।