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भारत ने गैर बासमती चावल पर लगाया बैन तो खुश हुआ पाकिस्तान, 13 लाख टन ज्यादा चावल बेचकर कमाएगा पैसे

भारत द्वारा गैर बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध से पाकिस्तान के निर्यात में बढ़ावा होने की संभावना है। इस उम्मीद से कंगाल पाकिस्तान बेहद खुश है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Aug 03, 2023 13:14 IST, Updated : Aug 03, 2023 13:14 IST
भारत के इस कदम से कंगाल पाकिस्तान हुआ खुश, जमकर करेगा कमाई
Image Source : FILE भारत के इस कदम से कंगाल पाकिस्तान हुआ खुश, जमकर करेगा कमाई

India and Pakistan on Non basmati Rice Export: भारत सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) के अनुसार देश के लोगों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने गैर बासमती चावल बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान को जबर्दस्त फायदा मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। भारत द्वारा गैर बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध से पाकिस्तान के निर्यात में बढ़ावा होने की संभावना है। इस उम्मीद से कंगाल पाकिस्तान बेहद खुश है। वह गैर बासमती चावल के निर्यात के अपने लक्ष्य से कहीं ज्यादा चावल बेचकर मोटा मुनाफा कमा सकता है। 

राइस एक्सपर्ट एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) ने कहा कि भारत के गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पाकिस्तान के चावल एक्सपर्ट में इजाफा होने की संभावना है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है। दुनिया के गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 25 फीसदी है। ऐसे में भारत ने अपने देश से बाहर चावल नहीं भेजने का जो निर्णय लिया है, उससे पड़ोसी देश पाकिस्तान को मोटा मुनाफा मिलने की उम्मीद है।

कम हुई खरीफ फसलों की बोवनी, बढ़ाई चिंता

भारत में इस बार ​अभी तक पिछले साल की अपेक्षा खरीफ फसलों की बुवाई कम हुई है। 14 जुलाई तक भारत में खरीफ फसलों की बुआई पिछले साल के मुकाबले 2 फीसदी कम रही है। बोए गए कुल रकबे में चावल 6.1 फीसदी क्षेत्र में तो दलहन फसलें 13.3 फीसदी क्षेत्र में बोई गई हैं।

कई चावल उत्पादक राज्यों में कम बारिश से हुई बुआई में देरी

खरीफ चावल के प्रमुख उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम बारिश के चलते बुआई में देरी हुई है। देश के कुछ राज्यों पर तो मानसून मेहरबान है, लेकिन चावल उत्पादक कई राज्यों में मानसून कमजोर पड़ गया है। इस कारण चावल और दाल की फसल पर खतरा बढ़ गया है। इसका नतीजा यह है कि गेहूं, चावल जैसे अनाज के अलावा दूध, सब्जियों के साथ ही दालों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई है।

क्यों लगाया गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध?

अनाज और खाद्यान्न की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी, जिससे की चावल की कमी होने पर उसके दामों में उछाल आए। यही कारण रहा कि चावल की खुदरा कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। 

पाकिस्तान के पास हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका

गैर-बासमती चावल का एक्सपोर्ट भारत सबसे ज्यादा अमेरिका, इटली, स्पेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका को करता है। भारत के यह कदम उठाने के बाद इन देशों में चावल की खरीद के लिए हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान के पास इस मांग को पूरा करने और चावल खरीदने वाले देशों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका है। 

राइस एक्सपर्ट एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) के मुखिया चेला राम केवलानी ने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले वित्तीय वर्ष में 37 लाख टन चावल का निर्यात किया था। अब इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान 50 लाख टन चावल निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

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