नई दिल्ली। नापाक पाकिस्तान अपने ही बुने आतंकवाद के जाल में बुरी तरह फंस गया है। पाकिस्तान ने जिस आतंक का बीज भारत समेत अन्य देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए बोया था, अब उसकी फसल उसे ही काटनी पड़ रही है। पाकिस्तान अब लगातार हो रहे एक के बाद एक आतंकवादी हमलों से पस्त हो गया है। सोमवार को पाकिस्तान के पेशावर में हुए आतंकी हमले में मरने वाली की संख्या 90 के आंकड़ों को पार कर चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की निंदा की है। साथ ही साथ अपनी धरती का इस्तेमाल आतंक के लिए नहीं होने देने की नसीहत भी दे डाली है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस और सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को पाकिस्तान के पेशावर शहर में मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले की निंदा की। यूएन के एक प्रवक्ता ने कहा कि देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी कृत्यों के लिए न हो। गुतारेस ने एक बयान में सोमवार को हुए विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह काफी घिनौना है, क्योंकि हमला एक धार्मिक स्थल पर किया गया। पाकिस्तान में एक मस्जिद में सोमवार को दोपहर की नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में 90 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
टीटीपी से पाकिस्तान पस्त
टीटीपी आतंकी गुट ने पिछले दो महीनों को दौरान पाकिस्तान में एक के बाद एक लगातार कई धमाके किए हैं। गुतारेस ने कहाकि ‘‘ शांति और सुरक्षा के माहौल में इबादत कर पाने सहित धर्म या आस्था की स्वतंत्रता एक सार्वभौमिक मानवाधिकार है। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहाकि ‘‘ यह स्पष्ट है कि हर सरकार या हर प्राधिकरण जिसका क्षेत्र पर नियंत्रण है, उसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि उनके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले को ‘‘जघन्य और कायरतापूर्ण’’ बताया और ‘‘कड़े शब्दों’’ में इसकी निंदा की। उसने एक बयान में कहा, ‘‘ सुरक्षा परिषद के सदस्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकवाद सभी रूपों में अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक है।’’ टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है। उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल होने का आरोप है। इसे अल कायदा का करीबी बताया जाता है।