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Pakistan Train Hijack: BLA का नया दावा, "पाक आर्मी की जिद से मारे गए 214 बंधक, हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई"

बलूच लिब्रेशन आर्मी ने पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक मामले में नया दावा किया है। बीएलए ने कहा कि पाकिस्तानी सेना की जिद की वजह से 214 बंधक मारे गए। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 15, 2025 13:27 IST, Updated : Mar 15, 2025 13:42 IST
बलूच सेना का दावा।
Image Source : X बलूच सेना का दावा।

बलूचिस्तानः पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक मामले में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अपने एक नये दावे से सनसनी मचा दी है। बीएलए का कहना है कि उसने युद्धबंदियों की अदला-बदली के लिए पाकिस्तानी सेना को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जो कब्जे वाली सेना के लिए अपने कर्मियों की जान बचाने का आखिरी मौका था। लेकिन, पाकिस्तान ने अपनी पारंपरिक जिद और सैन्य अहंकार का परिचय देते हुए न केवल गंभीर बातचीत से परहेज किया, बल्कि जमीनी हकीकत से भी आंखें मूंद लीं। इस जिद के परिणामस्वरूप सभी 214 बंधकों को मार दिया गया।

बीएलए ने हमेशा युद्ध के सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार काम किया है, लेकिन पाकिस्तान ने अपने कर्मियों को बचाने के बजाय युद्ध के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल करना पसंद किया। दुश्मन को इस जिद की कीमत 214 कर्मियों की हत्या के रूप में चुकानी पड़ी। बीएलए इस युद्ध में शहीद हुए 12 स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने दुश्मन के खिलाफ अविस्मरणीय बलिदान दिया। बुधवार रात को 3 स्वतंत्रता सेनानी शहीद हुए थे, जबकि कल रात 4 और स्वतंत्रता सेनानी युद्ध में शहीद हो गए। इसके अलावा मजीद ब्रिगेड के 5 फिदायीन ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए दुश्मन को ऐसी शिकस्त दी, जिसे इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

फिदायीनों ने खूब लड़ी जंग

 बीएलए ने कहा कि ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन की लड़ाई में फिदायीन ने दुश्मन को विनाशकारी घात में फंसाकर निर्णायक प्रहार किया। फिदायीन ने कुछ बंधक सैन्य कर्मियों को विशेष बोगियों में बंद कर दिया और पोजीशन ले ली, जबकि अन्य स्वतंत्रता सेनानी जाफर एक्सप्रेस की बोगियों में बंद बंधकों को बचाने के लिए पहुंचे। फिदायीन ने उन्हें घेर लिया और उन पर भीषण हमला किया। कई घंटों तक चली इस लड़ाई में एसएसजी कमांडो को भारी नुकसान हुआ, जबकि बंधकों को भी मार दिया गया, फिदायीन आखिरी गोली तक लड़े। 

पाकिस्तान सेना कर रही फर्जी दावे

बीएलए ने कहा कि कब्ज़ा करने वाली पाकिस्तानी सेना इन फ़िदायीनों के शवों को "सफलता" के रूप में पेश करने की व्यर्थ कोशिश कर रही है, जबकि उनका मिशन कभी भी ज़िंदा वापस लौटना नहीं था, बल्कि आखिरी गोली तक लड़ना था। अपनी तमाम सैन्य और खुफिया श्रेष्ठता के बावजूद सेना बंधकों को छुड़ाने में विफल रही। इसके अलावा, जिन्हें पाकिस्तानी राज्य "बचाया" बता रहा है, उन्हें वास्तव में युद्ध के नियमों के तहत सुरक्षित मार्ग दिए जाने के बाद पहले दिन ही BLA ने रिहा कर दिया था।

बीएलए ने कहा-अभी खत्म नहीं हुई लड़ाई

बीएलए ने कहा कि अभी यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है, बल्कि और तेज़ हो गई है। बलूच स्वतंत्रता सेनानी लगातार अलग-अलग इलाकों में घात लगाकर कब्ज़ा करने वाली सेना को निशाना बना रहे हैं और दुश्मन अभी भी अपने मारे गए कर्मियों के शवों को निकालने के लिए संघर्ष कर रहा है। हर बीतते पल के साथ BLA की श्रेष्ठता और भी स्पष्ट होती जा रही है। बलूच लिबरेशन आर्मी ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन के बारे में विस्तृत जानकारी ऑपरेशन पूरा होने के बाद मीडिया को जारी करेगी। लड़ाई अभी भी जारी है। 

 

 

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