इस्लामाबादः पाकिस्तान ने दुनिया भर में आतंक का बीज बोने के लिए जिन आतंकियों को पालता-पोषता आ रहा है, अब वही आतंकी उसके काल बन गए हैं। पाकिस्तान इन दिनों ताबड़तोड़ आतंकी हमलों से दहशत में है। लिहाजा पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी अपने देश में हो रहे आतंकी हमलों से आजिज आ चुके हैं। अब उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद से उत्पन्न खतरे का प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने एवं उनके अभियोजन तंत्र में सुधार लाने का आह्वान किया है।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की एक खबर के अनुसार, जरदारी ने अशांत प्रांत बलूचिस्तान में सुरक्षा, कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दिए गए अधिकार में खामियों के बारे में भी बताया गया। ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे बलूचिस्तान में लंबे समय से उग्रवाद है और वहां अक्सर सैन्य काफिलों एवं सुरक्षा कर्मियों पर हमले होते रहते हैं। बंदरगाह शहर ग्वादर में हुई बैठक में जरदारी ने प्रांतीय सरकार के प्रयासों के साथ-साथ आतंकवाद से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बलिदान की सराहना की, लेकिन उन्होंने सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
चीनी नागरिकों को भी नहीं बचा पा रहा पाकिस्तान
खबर में उनके हवाले से कहा गया है, "अभियोजन तंत्र में सुधार की आवश्यकता है, ताकि आतंकवादी न्याय की जद से नहीं बच सकें। प्रांत में सक्षम और बहादुर पुलिस अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे प्रांत में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा।" एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र की एक अन्य खबर के अनुसार, जरदारी ने राजनीतिक संवाद पर जोर देते हुए कहा कि बलूचिस्तान में समृद्धि, विकास और शांति लाने के लिए यही रास्ता है। राष्ट्रपति को बताया गया कि प्रांतीय सरकार चीनी और विदेशी नागरिकों को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कदम उठा रही है। (भाषा)
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