Highlights
- पाकिस्तान से यूक्रेन को हथियार व गोला बारूद भेजने के सुबूत
- चीन और रूस के दुश्मन अमेरिका से दोस्ती कर पाकिस्तान ने बदला पैंतरा
- चीन का करीबी मित्र होने के बाद भी रूस को पाकिस्तान ने दिया धोखा
Pakistan Stand with Ukraine: मौकापरस्त, चालबाच और पैंतरेबाज पाकिस्तान ने रूस-यूक्रेन जंग में अपने गिरगिट रूप में आ गया है। उसने रूस के खिलाफ इस युद्ध में ऐसी एंट्री मारी है कि दुनिया हैरान रह गई है। कभी यूक्रेन पर पुतिन के वार को सही ठहराने वाला पाकिस्तान अब रूस के खिलाफ ही खड़ा हो गया है। इतना ही नहीं, वह पुतिन की सेना से लड़ने के लिए यूक्रेन को अपने यहां से खतरनाक तोप गोले भी भेज रहा है। साथ ही ब्रिटेन समेत अन्य देशों से युद्ध सामग्री और हथियार यूक्रेन भेजवाने के लिए अपना हवाई अड्डा और एयरस्पेस देकर रूस को जंग में हराने की साजिश में किरदारी भी निभा रहा है। यह हाल तब है जब हाल ही में पाकिस्तान ने बाढ़ से निपटने के लिए रूस से आर्थिक मदद मांगी थी।
बीते 15-16 सितंबर को उजबेकिस्तान के शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान ने चीन के साथ ही साथ रूस से भी द्विपक्षीय वार्ता की थी। तब पुतिन से पाक पीएम शहबाज शरीफ ने मदद की गुहार लगाई थी। इस पर पुतिन ने कहा था कि वह उसकी मदद करेंगे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए इससे पहले राहत सामग्री भी भेजी थी। रूस ने पाकिस्तान को एशिया और साउथ ईस्ट एशिया का अहम सहयोगी बताते हुए वहां रेल नेटवर्क और ऊर्जा एवं व्यापार क्षेत्र में आगे बढ़ने का वचन भी दिया था। मगर रूस को शायद यह बात पता नहीं थी कि एक दिन पाकिस्तान उसके ही खिलाफ खड़ा हो जाएगा। पाकिस्तान के पैंतरे से पुतिन भी परेशान हो गए हैं।
पाकिस्तान से यूक्रेन को हथियार व गोला बारूद भेजने के सुबूत
जियोपोलिटिका.इंफो के दावे के अनुसार पाकिस्तान ने लगातार 10 दिनों तक यूक्रेन को खतरनाक हथियार और तोप गोले व बारूद भेजा है। दावे के अनुसार रॉयल एयरफोर्स की बोइंग सी-17 ए ग्लोबमास्टर-3 को पाकिस्तान के हवाई अड्डे पर लैंड करते और युद्धक सामग्री ले जाते देखा गया है। बताया जा रहा है कि कालसाइन जेजे173 वाले विमान ने यूक्रेन और रोमानिया जाने के लिए पश्चिमी एशिया के एयरस्पेस को चुना था। यह विमान 77 हजार किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम था। वहीं पाकिस्तानी एयरफोर्स के कई विमान भी रोमानिया हवाई अड्डे पर लैंड करते देखे गए। विभिन्न देशों से आने वाली युद्धक सामग्री रोमानिया से ही यूक्रेन भेजी जा रही है। यह सब 06 से 16 अगस्त तक लगातार होता देखा जाने का दावा किया जा रहा है। इसी दौरान यूक्रेन रूस पर युद्ध में भारी भी पड़ने लगा था। क्योंकि विदेशी हथियारों को भी यूक्रेन भेजवाने में पाकिस्तान मदद कर रहा था।
यूक्रेन में मिले पाकिस्तानी गोले
पाकिस्तान की आर्डिनैंस फैक्ट्री में बने 122 एमएम के एचई आर्टिलरी गोले और 155 एमएम के आर्टिलरी गोले भी यूक्रेन भेजे गए। इसका एक वीडियो भी जारी हुआ था। जहां यूक्रेन के सैनिक रूस के खिलाफ पाकिस्तान निर्मित इन गोलों का इस्तेमाल करते देखे गए थे। इनमें से 122 एमएम एचई की मारक क्षमता 15 किलोमीटर तक होती है। करीब दुनिया के 60 देशों में ये तोपगोले इस्तेमाल किए जाते हैं। यह 15 किलोमीटर तक के क्षेत्र को तबाह करने की क्षमता रखता है। वहीं 155 एमएम तोपगोले की मारक क्षमता 23 किलोमीटर क्षेत्र तक है।
अमेरिका का करीबी होने के लिए पाकिस्तान ने बदला पाला
हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 के रखरखाव के नाम पर 45 करोड़ डॉलर की मदद की थी। इसके अलावा पाकिस्तान को गरीबी से लड़ने के लिए भी बड़ी मदद देने का ऐलान किया था। इससे पाकिस्तान अमेरिका की ओर झुक गया। वहीं वह चीन का भी करीबी है। चीन ने भी पाकिस्तान को खैरात में सैन्य हथियारों से लेकर आर्थिक मदद मुहैया कराई है। मगर यहां मुश्किल यह है कि अमेरिका रूस के साथ ही साथ चीन का भी दुश्मन है। जबकि रूस और चीन के अच्छे संबंध हैं। ऐसे में रूस को छोड़कर चीन के दुश्मन अमेरिका की ओर झुकाव और रूस के खिलाफ यूक्रेन को हथियार व गोला बारूद मुहैया कराना पाकिस्तान की नई डिप्लोमेसी कही जा रही है। मगर यह उसे भारी भी पड़ सकती है। अब देखना होगा कि पाकिस्तान के खिलाफ रूस और चीन का रिएक्शन इस मसले पर क्या होता है।