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भारत के साथ अपना रिश्ता सुधारे पाकिस्तान- अमेरिका

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान, राजनीति के सैन्यकरण और राजनीतिक कारणों के लिए धर्म के इस्तेमाल को समाप्त किए बगैर वर्तमान संकट से बाहर नहीं निकल सकता। पाकिस्तान का पूरा ध्यान अपने लोगों की समृद्धि पर केन्द्रित होना चाहिए न की किसी बेकार की विचारधारा पर।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : April 26, 2022 10:00 IST
भारत के साथ अपना रिश्ता सुधारे पाकिस्तान- अमेरिका
Image Source : FILE PHOTO भारत के साथ अपना रिश्ता सुधारे पाकिस्तान- अमेरिका 

वाशिंगटन: अमेरिका में लोकतंत्र समर्थक बुद्धिजीवियों, नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पाकिस्तान की नवनियुक्त सरकार से जातीय तथा धार्मिक संघर्षों को समाप्त करने में रचनात्मक भूमिका निभाने तथा भारत एवं अन्य पड़ोसी मुल्कों के साथ बेहतर संबंध बनाने की कोशिश करने की अपील की है। 'साउथ एशियंस अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स' (एसएएटीएच) की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता से जाने के बाद बनी सरकार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हिंसा को समाप्त करने का रास्ता तलाशने के लिए वहां के लोगों के साथ तत्काल बातचीत करनी चाहिए।

मीडिया में जारी एक बयान के अनुसार कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि पड़ोसी मुल्कों के साथ, खासतौर पर भारत और अफगानिस्तान के साथ संबंध सुधारे जाने चाहिए। एसएएटीएच के सह-संस्थापक एवं अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान, राजनीति के सैन्यकरण और राजनीतिक कारणों के लिए धर्म के इस्तेमाल को समाप्त किए बगैर वर्तमान संकट से बाहर नहीं निकल सकता। हक्कानी ने कहा, 'पाकिस्तान का पूरा ध्यान अपने लोगों की समृद्धि पर केन्द्रित होना चाहिए न की किसी बेकार की विचारधारा पर।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के साथ अच्छे संबंध ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाना सुनिश्चित कर सकते हैं।

पूर्व सांसद फरहतुल्ला बाबर ने सुरक्षा प्रतिष्ठान के भीतर विभाजन की खबरों पर चिंता व्यक्त की। वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के महासचिव भी हैं। बाबर ने कहा, 'जब एक समूह बहुत अधिक शक्ति अर्जित कर लेता है, तो उसके भीतर ही संघर्ष शुरू हो जाता है।' वहीं, पूर्व सांसद अफरासियाब खट्टक ने 'जनरल शाही' को समाप्त करने का आह्वान किया और कहा कि वही इमरान खान को सत्ता में लाया था। बलूच कार्यकर्ता किया बलोच और सिंध यूनाइटेड पार्टी के जैन शाह ने बलूच और सिंधी राष्ट्रवादियों को निशाना बनाने वाले सैन्य अभियानों को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इनपुट-भाषा

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