Tuesday, November 05, 2024
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पाकिस्तान में 'मातम' मना रहे शिया मुसलमानों पर हमला! सड़क पर पिस्तौल और पत्थर लेकर निकले TLP के कट्टरपंथी, सामने आया VIDEO

Pakistan Shia Muslims: चेहल्लुम शिया समुदाय का एक धार्मिक आयोजन है, जो पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत की याद के तौर पर मनाया जाता है। मुहर्रम के महीने की 10वीं तारीख को इमाम हुसैन शहीद हुए थे।

Written By: Shilpa
Updated on: September 19, 2022 13:17 IST
TLP Attack  on Pakistan Shia Muslims- India TV Hindi
Image Source : TWITTER TLP Attack on Pakistan Shia Muslims

Highlights

  • पाकिस्तान में शिया लोगों के जुलूस पर हुआ हमला
  • मस्जिद के आगे से जुलूस निकाले जाने पर था बवाल
  • तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के लोगों ने किया हमला

Pakistan Shia Muslims: पाकिस्तान में एक बार फिर सड़कों पर बड़ा बवाल देखने को मिला है। यहां कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के कार्यकर्ताओं ने मातम मना रहे शिया मुसलमानों पर हमला कर दिया। जिसमें कम से कम 13 लोग घायल हो गए। पुलिस ने ये जानकारी रविवार को दी है। घायल हुए सभी 13 लोग शिया समुदाय से हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिर पर चोट लगने की वजह से इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। एफआईआर के अनुसार, शिया समुदाय का ये जुलूस शनिवार को सियालकोट के इमामबर्ग जा रहा था, जो लाहौर से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये जुलूस इमाम हुसैन के चेहल्लुम से संबंधित था। तभी पिस्तौल और पत्थर लेकर आए पुरुषों के एक समूह ने जुलूस में शामिल लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया।

चेहल्लुम शिया समुदाय का एक धार्मिक आयोजन है, जो पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत की याद के तौर पर मनाया जाता है। मुहर्रम के महीने की 10वीं तारीख को इमाम हुसैन शहीद हुए थे। एफआईआर के अनुसार, शोक में डूबे एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि जुलूस के मार्ग को लेकर तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) और शिया कार्यकर्ताओं के बीच पिछले कुछ दिनों से इलाके में तनाव चल रहा था।

किस बात को लेकर था विवाद?

ये पूरा विवाद मस्जिद के सामने से जुलूस निकाले जाने को लेकर था। पहचान न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, 'टीएलपी के स्थानीय नेता चाहते थे कि शियाओं का जुलूस मंदिर (जहां मदरसा भी है) के सामने से न गुजरे। लेकिन शिया समुदाय दृढ़ था कि जिस रास्ते से वह हर साल ये जुलूस निकालता आया है, उसी रास्ते से होकर इमामबर्ग जाएगा।'

30 लोगों पर आतंकवाद का केस

सियालकोट पुलिस के प्रमुख फैजल कामरान का कहना है कि पुलिस बल घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच गया था। हालांकि हमलावर बचकर निकलने में सफल रहे। पुलिस प्रमुख ने कहा कि 30 संदिग्धों के खिलाफ आतंकवाद के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तान नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए रपलिस बल को इलाके में तैनात किया गया है और संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए कई पुलिस टीम गठित की गई हैं।  

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